भारत में दुनिया का 25 फीसदी दाल उत्पादन लेकिन खपत 28 फीसदी
कानपुर: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कहा कि देश अनाज के मामले में तो आत्मनिर्भर है लेकिन दलहन, तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे बडा दाल उत्पादक भारत है लेकिन दाल का सबसे बडा उपभोक्ता भी भारत ही है. मानव भोजन में […]
कानपुर: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कहा कि देश अनाज के मामले में तो आत्मनिर्भर है लेकिन दलहन, तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे बडा दाल उत्पादक भारत है लेकिन दाल का सबसे बडा उपभोक्ता भी भारत ही है. मानव भोजन में दलहनी फसलों की उपयोगिता को देखते हुये ही संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2016 को ‘अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष’ घोषित किया है.
कृषि मंत्री यहां कानपुर के भारतीय दलहन संस्थान (आईआईपीआर) के एक कार्यक्रम में भाग लेने आये थे. कार्यक्रम में प्रदेश में दलहन की बेहतर खेती के लिये बुंदेलखंड के हमीरपुर के किसान राजेंद्र प्रसाद सविता को पहले पंडित दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय पुरस्कार से सम्मानित किया. यह पुरुस्कार आज से ही शुरु किया गया है और पहला पुरस्कार उत्तर प्रदेश में दिया गया। देश में सीमित संसाधनों में बेहतर खेती करने वाले किसानों को यह पुरस्कार दिया जायेगा.
उन्होंने दलहन की पैदावार बढाने के लिये ठोस उपाय न करने पर पूर्व की यूपीए सरकार को तो निशाना बनाया ही साथ ही उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां 1970…71 में करीब 31 लाख टन दाल का उत्पादन होता था, वहीं अब 2014…15 में यह घटकर करीब 22 लाख टन रह गया। उन्होंने प्रदेश में केंद्र सरकार की किसानों के लाभ की योजनाओ पर ठीक से अमल नहीं किये जाने पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने इस मामले में मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब राज्यों के साथ कर्नाटक की भी तारीफ की.
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