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सामान्य बारिश,बंपर उत्पादन

नयी दिल्ली:वर्ष 2013 में मॉनसून की बारिश सामान्य रहेगी और देश में बंपर उत्पादन होगा. फलस्वरूप दुनिया भर में खाद्य पदार्थो की कीमतों में कमी आयेगी. सूखे का सामना कर रहे गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी इस बार सामान्य बारिश की उम्मीद है. शुक्रवार को केंद्रीय धरती विज्ञान मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने राष्ट्रीय […]

नयी दिल्ली:वर्ष 2013 में मॉनसून की बारिश सामान्य रहेगी और देश में बंपर उत्पादन होगा. फलस्वरूप दुनिया भर में खाद्य पदार्थो की कीमतों में कमी आयेगी. सूखे का सामना कर रहे गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी इस बार सामान्य बारिश की उम्मीद है. शुक्रवार को केंद्रीय धरती विज्ञान मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. वह मॉनसून पर सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट जारी कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष औसतन 98 फीसदी बारिश होने का अनुमान है. 55 फीसदी कृषि क्षेत्र में मॉनसून की बारिश महत्वपूर्ण है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि 50 साल के दौरान यदि पूरे मौसम में 89 सीएम की बारिश होती है, तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है. वर्ष 2004 और 2009 में सामान्य से कम बारिश की वजह से देश में सूखा पड़ा था.

मानसून के संतोषजनक रहने की उम्मीद

दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश इस बार दक्षिण भारत के कुछ राज्यों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में संतोषजनक रहने की उम्मीद है. इस संबंध में आज आधिकारिक अनुमान जारी होने से पहले खाद्य मंत्री के वी थामस ने यह बात कही.

खाद्य मंत्री के वी थामस ने यहां एक समारोह के मौके पर संवाददाताओं से कहा ‘‘हमारे पास मानसून का एक आकलन है. सुदूर दक्षिणी राज्यों – केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु-को छोड़कर भारत के अन्य भागों में मानसून संतोषजनक रहेगा. ’’उन्होंने कहा कि उक्त दक्षिणी राज्यों में मानसूनी बारिश शुरु होने में देर हो सकती है या सामान्य से कम हो सकती है. पिछले सप्ताह कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा था कि भारत के मौसम विभग को सामान्य बारिश की उम्मीद है. निजी कंपनी स्कायमेट ने भी सामान्य बारिश का अनुमान लगाया है.

इस साल की जून-सितंबर की अवधि के लिए पहले मानसून संबंधी अनुमान आज जारी होना है. दक्षिण पश्चिम मानसून जून से शुरु होता है. इस मौसम में धान जैसी खरीफ की फसलों की बुवाई होती है. थामस ने कहा कि सामान्य बारिश देश के कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है. उन्होंने कहा ‘‘आने वाले समय में हमारा खाद्य उत्पादन ठीक-ठाक रहेगा. गेहूं उत्पादन पिछले साल से कम नहीं होगा.’’ फसल वर्ष 2012-13 :जुलाई-जून: में खाद्य उत्पादन 25.01 करोड़ टन रहने का अनुमान है जिसमें से गेहूं का योगदान 9.23 करोड़ टन रहेगा.

अनाज भंडारण की स्थिति के बारे में थामस ने कहा कि गेहूं की खरीद की सारी व्यवस्था और भंडारण भी मानसून की बारिश शुर होने से पहले कर ली गई है. इस साल महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के लिए इस साल का मानसून महत्वपूर्ण होगा. इन इलाकों में भयानक सूखा है.

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