नयी दिल्ली : सरकार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के 25 और खंडों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रस्ताव कर सकती है. इसमें जिंस ब्रोकिंग और बुनियादी ढांचा ऋण कोष आदि शामिल हैं. इससे विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सकेगा. सूत्रों ने कहा कि यह प्रस्ताव वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट में की गयी घोषणा कि एनबीएफसी की गतिविधियों की और श्रेणियों में एफडीआई की अनुमति दी जाएगी, पर आधारित है. सूत्र ने कहा कि एनबीएफसी की 18 विशेषीकृत गतिविधियों से अलग स्वत: मंजूर मार्ग से एफडीआई की अनुमति दी जाएगी.
इन गतिविधियों का नियमन वित्तीय क्षेत्र के नियामकों द्वारा किया जाता है. एनबीएफसी और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई) के अन्य खंड हैं. इंश्योरेंस इंटरमीडिएरीज, पेंशन प्रबंधन कंपनी, परिसंपत्ति वित्त कंपनी और डिपाजिटरी भागीदार.
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