नयी दिल्ली: सरकार ने अटल पेंशन योजना में संशोधन किया है. इसके तहत अंशधारक की समय से पहले मृत्यु की स्थिति में पति या पत्नी को योजना की शेष अवधि के लिये योगदान करते रहने का विकल्प मिलेगा.वित्त मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि योजना में पति या पत्नी को तब तक योगदान जारी रखने का विकल्प उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है जब तक कि मूल योजनाधारक की आयु 60 साल पूरी नहीं होती. योजना के मौजूदा प्रावधान के तहत अंशधारक के 60 साल पूरा होने से पहले मृत्यु होने की स्थिति में पूरी राशि पति या पत्नी को देने का प्रावधान किया गया था.
बयान के अनुसार, ‘‘योजना में किये गये संशोधन के तहत मूल अंशधारक के पति या पत्नी को उसकी मृत्यू तक उतनी ही पेंशन राशि मिलेगी जितना की अंशधारक को मिलती. अंशधारक तथा उसके पति या पत्नी दोनों की मौत होने की स्थिति में अंशधारक के 60 साल पूरा होने तक जो भी पेंशन राशि जमा हुई नामित उस राशि को पाने का हकदार होगा.” विभिन्न तबकों से मिले सुझाव के आधार पर ये बदलाव किये गये है. इन सुझावों में संकेत दिया गया था कि एपीवाई के मौजूदा प्रावधान के तहत अंशधारक की समय से पहले मृत्यु की स्थिति में एक मुश्त राशि धारक के पति या पत्नी को मिल जाएगी.इस प्रावधान को सही नहीं माना गया.
यह मांग बढ रही थी कि पति या पत्नी को अंशधारक की मौत के बाद योजना में योगदान जारी रखने का विकल्प दिया जाए ताकि उन्हें (पति या पत्नी) उतनी पेंशन मिल सके जितनी कि अंशधारक को 60 साल पूरा होने पर मासिक रुप से मिलती रहती. अटल पेंशन योजना के तहत प्रत्येक अंशधारक को 60 साल पूरा होने पर न्यूनतम मासिक पेंशन मिलेगी. अगर निवेश पर रिटर्न अनुमान से अधिक रहता है तो मासिक पेंशन अधिक मिलेगी.
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