मुंबई : पिछले चार वित्तीय वर्षो में सबसे खराब प्रदर्शन करते हुये सेंसेक्स आज समाप्त वित्त वर्ष 2015-16 में 9.36 प्रतिशत नीचे रहा. निवेशकों को इससे पिछले वर्ष के मुकाबले सात लाख करोड रुपये का नुकसान हुआ. वैश्विक चुनौतियों और विदेशी कोषों की धन निकासी से घरेलू शेयरों में वर्ष के दौरान काफी नुकसान रहा.
आज समाप्त वित्त वर्ष के आखिरी दिन बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स एक दिन पहले की तुलना में 3.28 अंक घटकर 25,341.86 अंक पर बंद हुआ. वायदा कारोबार को लेकर सतर्क रख रहने और एस एण्ड पी द्वारा चीन को नकारात्मक परिदृश्य में रखने से बाजार में गतिविधियां सीमित रही. वैश्विक बाजारों में उपभोक्ता वस्तुओं के दाम में भारी गिरावट आने, करीब एक दशक में अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरों में पहली वृद्धि किये जाने, वैश्विक बाजारों में सुस्ती विशेषतौर पर चीन की अर्थव्यवस्था में नरमी दिखने और घरेलू स्तर पर महत्वपूर्ण सुधारों की धीमी गति से वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सेंसेक्स में 2,615.63 अंक यानी 9.36 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गयी.
वर्ष 2011-12 के बाद सेंसेक्स में वार्षिक आधार पर यह बडी गिरावट रही. इसके मुताबिक वर्ष के दौरान हर दिन निवेशकों को 2,700 करोड रुपये की पूंजी का नुकसान हुआ और पूरे साल में उनके शेयरों के दाम सात लाख करोड रुपये घट गये. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2015-16 में 752.60 अंक यानी 9.72 प्रतिशत घट गया और वित्त वर्ष के आखिरी दिन यानी 31 मार्च 2016 को यह 7,738.40 अंक पर बंद हुआ. रपया भी वर्ष के दौरान 3.61 रुपये यानी 5.86 प्रतिशत घटकर आज 66.26 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ.
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