लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने चीन के इस्पात पर ऊंचा शुल्क लगाने के यूरोपीय संघ (इयू) के प्रस्ताव को खारिज करने के ब्रिटेन के फैसले का समर्थन किया है. हालांकि, इस बीच व्यापार मंत्री साजिद जाविद को टाटा स्टील के उन नाराज कर्मचारियों का सामना करनापड़ा जिनकी नौकरी खतरे में है. दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि चीन से सस्ते आयात के चलते ही टाटा स्टील को अपने पोर्ट टालबोट कारखाने को बेचने का प्रस्ताव करनापड़ा है.
गार्डियन की एक रपट के अनुसार वाशिंगटन यात्रा पर गए कैमरन ने कहा कि यूरोपीय संघ की शुल्क वृद्धि संबंधी योजनाओं को रोकने के मामले में ब्रिटेन का रुख सही था. कैमरन ने कहा कि यूरोपीय संघ की इन योजनाओं से ‘केवल इस्पात पर शुल्क नियम ही फिर से नहीं लिखे जाएंगे बल्कि इससे यूरोपीय संघ के समूचे शुल्क दर ढांचे को नये सिरे से लिखना होगा. ‘ वहीं लेबर पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह ‘इस आर्थिक लड़ाई में चीन के अति आक्रामक रुख’ से ब्रिटेन के कामगारों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है.
चीन ने कल टाटा द्वारा वेल्स में बनाए गए एक खास तरह के इस्पात पर 46 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया.ब्रिटेन के इस्पात उद्योग के समक्ष दिक्कतों के लिए आंशिक तौर पर चीन द्वारा विदेशी बाजारों में औने पौने दाम पर इस्पात बेचने को जिम्मेदार माना जा रहा है. इससे ब्रिटेन में इस्पात उद्योग में 40,000 नौकरियों पर संकट के बादल गहरा गए हैं क्योंकि टाटा स्टील ने ब्रिटेन में अपने सारे कारोबार को बेचने की योजना बनायी है.
रपट के अनुसार प्रधानमंत्री निवास सूत्रों ने बताया कि वाशिंगटन में परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के अवसर पर गुरुवार रात कैमरन ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात में अपनी चिंताएं रखीं.
व्यापार मंत्री साजिद जाविद आस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा से स्वदेश लौटे तो पोर्ट टालबोट :साउथ वेल्स: में तनावपूर्ण हालात उनका इंतजार कर रहे थे क्योंकि वहां हजारों कामगारों की नौकरी संकट में है.
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