नयी दिल्ली : मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट और वृद्धि के संकेतकों में नरमी के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 17 जून को जारी होने वाली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है. यह बात वैश्विक निवेश बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों ने कही.
थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 41 महीने के न्यूनतम स्तर 4.89 प्रतिशत पर आ गई जो केंद्रीय बैंक के पांच प्रतिशत से नीचे के संतोषजनक स्तर पर है जिससे बाजार को आर्थिक नीति और उदार बनाए जाने की उम्मीद है ताकि नरम आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके.
बार्कले ने एक अनुसंधान रपट में कहा, हमारा मानना है कि थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा रिजर्व बैंक को 17 जून को होने वाली नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की पर्याप्त गुंजाइश प्रदान करता है. बार्कले ने कहा, हमें उम्मीद है कि 2013 के मध्य तक रेपो दर घटकर 7 प्रतिशत पर (और 0.25 प्रतिशत की कटौती) आ जाएगी. हमारा मानना है कि 2013 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में और कटौती होगी और इसे 6.50 फीसदी के स्तर पर लाया जाएगा.
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