लोन वापस करने की माल्या की शर्तों को बैंकों ने ठुकराया, किंगफिशर ने मांगा दो सप्ताह का समय

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज शराब कारोबारी विजय माल्या को 21 अप्रैल तक अपनी धन-संपत्ति का ब्योरा पेश करने को कहा. उन्होंने माल्या को देश और विदेश में अपनी और अपने परिवार की संपत्ति का ब्योरा देने को कहा गयाहै.माल्या के खिलाफ विभिन्न बैंकों के 9,000 करोड रुपये न देने के आरोप में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2016 11:02 AM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज शराब कारोबारी विजय माल्या को 21 अप्रैल तक अपनी धन-संपत्ति का ब्योरा पेश करने को कहा. उन्होंने माल्या को देश और विदेश में अपनी और अपने परिवार की संपत्ति का ब्योरा देने को कहा गयाहै.माल्या के खिलाफ विभिन्न बैंकों के 9,000 करोड रुपये न देने के आरोप में कानूनी कार्रवाई चल रही हैं.न्यायालय ने माल्या से यह भी संकेत देने को कहा है कि वह कब उसके समक्ष उपस्थित हो सकते हैं.

न्यायालय ने उनसे कुछ ऐसी उल्लेखनीय राशि जमा कराने को कहा है ताकि यह लगे कि वह वह बकायों के बारे में सार्थक बातचीत और निपटारे को लेकर गंभीर हैं. माल्या की ओर से कर्ज के निपटान के लिए 4,000 करोड रुपए के भुगतान के प्रस्ताव को उसके मौजूदा स्वरुप में खारिज करने के बाद न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने यह निर्देशदिया। माल्या और उनकी कंपनियांे ने अपने रिण के निपटान के लिए सितंबर तक 4,000 करोड रुपये का भुगतान करने की पेशकश की थी. कंसोर्टियम ने उच्चतम न्यायालय से यह भी अपील की कि वह देश में माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करे ताकि यह प्रमाणित हो कि वह बकाया भुगतान के संबंध में गंभीर हैं.

पीठ ने बैंकों की इस बात पर सहमति जताई. शीर्ष अदालत ने 20 मिनट की संक्षिप्त सुनवाई के बाद इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 26 अप्रैल तय की है. बैंकों के कंसोर्टियम ने आज सुनवाई के प्रारंभ में ही उच्चतम न्यायालय से कहा कि वे मामला निपटाने के विरोध में नहीं हैं लेकिन माल्या को देश में उपस्थित रह कर अपनी नेकनियती साबित करनी होगी.

बैंकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा, ‘‘विजय माल्या को अपनी नेकनियती सिद्ध करने के लिए अपने आपको उपयुक्त वार्ता के लिए खुद को प्रस्तुत करना चाहिए और संभावित योजना बतानी चाहिए कि वह अमुक अमुक से धन मिलने वाला है और उसके बाद वह उसे बैंकों को देंगे.’

बैंकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा, ‘‘उचित वार्ता के लिए उन्हें (माल्या को) मौजूद रहना चाहिए और देश-विदेश में अपनी चल-अचल, मूर्त-अमूर्ति परिसंपत्ति का खुलासा करना चाहिए.’ दीवान ने कहा कि माल्या द्वारा मौजूदा स्वरुप में जो पेशकश की गई है उसे हम खारिज करते हैं और इसकी जानकारी उन्हें दे दी गई है. उसके बाद माल्या ने एक और प्रस्ताव कल शाम रखा. उनकी दूसरी पेशकश पर विचार हो रहा है

उन्होंने कहा कि उपयुक्त वार्ता के लिए माल्या के देश में अदालत के सामने उपस्थित होने की जरूरत है ताकि यह पता चले कि वह अब क्या करना चाहते हैं. माल्या की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने कहा कि उन्हें बैंकों के कंसोर्टियम से जवाब मिला है जिसके बाद उन्होंने पिछली शाम अपनी नई बात कही है. वैद्यनाथन ने कहा कि उन्हें बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा किए गए फैसले पर और निर्देश की मांग करने के लिए और समय चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों को 2010 से 2012 के दौरान लगातार संपत्तियों के बारे में खुलासा किया गया। हालांकि, इस पर पीठ ने कहा कि तो अब आप संपत्ति का ब्योरा अपडेट क्यों नहीं करते. बैंक यह भी चाहते थे कि माल्या के अन्य नजदीकी रिश्तेदार, पूर्व पत्नी सहित पूर्व रिश्तेदारों की संपत्तियों का भी खुलासा होना चाहिए. हालांकि माल्या के वकील ने इसका विरोध किया. हालांकि पीठ ने कहा कि माल्या को खुद के अलावा अपनी पत्नी व बच्चों की संपत्ति का खुलासा करना होगा. इन बातों को रिकार्ड में लेते हुए पीठ ने कहा कि माल्या और उनकी कंपनियों को देश- विदेश में सभी संपत्तियों मसलन चल, अचल, कोष, अमूर्त और शेयरधारिता का खुलासा करना होगा, जिससे यह साबित हो कि वह गंभीर हैं. साथ ही उन्हें अपने जवाब में यह भी संकेत देना होगा कि वे अपनी गंभीरता को दिखाने के लिए अदालत में कितना पैसा जमा कराने को तैयार हैं. न्यायालय ने ओरिंटल बैंक आफ कामर्स को इस मामले में पक्ष बनने की अनुमति भी दे दी.

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