‘तीन लाइसेंसों के लिए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क घटाने पर 3,738 करोड़ रु का नुकसान’

नयी दिल्ली: दूरसंचार विभाग का अनुमान है कि बाजार नियामक ट्राई की सिफारिश के अनुसार सालाना स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को कम करने से उन तीन लाइसेंसों के नवीकरण पर सरकारी खजाने को कम से कम 3738 करोड़ रुपये का नुकसान होगा जिनकी अवधि 2014 में समाप्त हो रही है. कोलकाता व दिल्ली सर्किल में एयरटेल, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2013 9:10 PM

नयी दिल्ली: दूरसंचार विभाग का अनुमान है कि बाजार नियामक ट्राई की सिफारिश के अनुसार सालाना स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को कम करने से उन तीन लाइसेंसों के नवीकरण पर सरकारी खजाने को कम से कम 3738 करोड़ रुपये का नुकसान होगा जिनकी अवधि 2014 में समाप्त हो रही है.

कोलकाता व दिल्ली सर्किल में एयरटेल, दिल्ली, मुंबई व कोलकाता में वोडाफोन तथा मुंबई सर्किल में लूप मोबाइल्स का लाइसेंस 2014 में समाप्त होने जा रहा है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई ने एजीआर पर तीन प्रतिशत की समान दर से स्पेक्ट्रम उपयोक्ता शुल्क :एसयूसी: की सिफारिश की है जबकि यह फिलहाल यह दर 6 प्रशित है. अगर इसके हिसाब से वसूली की गई तो शुद्ध मौजूदा मूल्य के हिसाब से नुकसान 3738 करोड़ रुपये का होगा.

नुकसान की गणना करते समय दूरसंचार विभाग ने माना है कि तीन कंपनियों के लाइसेंस को ट्राई की सिफारिश पर, उतनी ही मात्रा में स्पेक्ट्रम मिलेगा जितनकी उनके पास है. ट्राई ने एक अप्रैल 2014 से तीन प्रतिशत की दर से समान एसयूस रखने का सुझाव है. इस समय यह शुल्क कंपनियों की आय के 3 से 8 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है.

दूरसंचार आयोग की बैठक 31 दिसंबर को हो सकती है जिसमें एसयूसी पर विचार होगा. इसकी सिफारिश को अधिकार संपन्न मंत्री समूह को भेजा जाएगा. एसयूसी पर अंतिम फैसले के लिए कैबिनेट में जाने का फैसला मंत्री समूह करेगा.

उल्लेखनीय है कि प्रमुख जीएसएम कंपनी एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया तथा यूनीनोर. के मुख्य कार्याधिकारियों ने कल आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पूरे दूरसंचार उद्योग के लिए एक प्रतिशत का समान सालाना स्पेक्ट्रम शुल्क लागू करने की मांग की थी. यह मांग प्रधानमंत्री कार्यालय, दूरसंचार पर अधिकारसंपन्न मंत्री समूह तथा दूरसंचार विभाग को भेजे गए संयुक्त पत्र में की गई है.

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