गुड़ी पड़वा के मौके पर भी नहीं दिखी बाजार में रौनक, उत्पाद शुल्क के विरोध में जारी है हड़ताल
नयी दिल्ली : आभूषण निर्माताओं की चांदी आभूषणों को छोड़कर दूसरे जेवरों पर लगाये गये एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को वापस लेने की मांग को लेकर हड़ताल आज भी जारी रही. इससे गुडी पडवा के मौके पर भी सर्राफा बाजारों में रौनक नहीं दिखी. देश भर में आभूषण निर्माता, सर्राफा कारोबारी तथा दस्तकार आभूषणों पर […]
नयी दिल्ली : आभूषण निर्माताओं की चांदी आभूषणों को छोड़कर दूसरे जेवरों पर लगाये गये एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को वापस लेने की मांग को लेकर हड़ताल आज भी जारी रही. इससे गुडी पडवा के मौके पर भी सर्राफा बाजारों में रौनक नहीं दिखी. देश भर में आभूषण निर्माता, सर्राफा कारोबारी तथा दस्तकार आभूषणों पर उत्पाद शुल्क लागाने की बजट की घोषणा तथा 2.0 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी पर पैन का उल्लेख अनिवार्य किये जाने के विरोध में दो मार्च से हड़ताल पर हैं.
हालांकि मुंबई के जावेरी बाजार में कुछ आभूषण निर्माताओं ने गुडी पडवा के मौके पर अपनी दुकानें आज खोली लेकिन बिक्री मात्रा न के बराबर रही क्योंकि ग्राहक दुकान खुले होने को लेकर भ्रम की स्थिति में थे. तमिलनाडु में भी सामान्य कारोबार के लिये अधिकतर आभूषण की दुकानें खुली. मुंबई में एक आभूषण निर्माता ने कहा कि सामान्य रूप से सोने की खरीद के लिहाज से गुडी पडवा को शुभ दिन माना जाता है. इस दिन अकेले मुंबई में कारोबार 500 से 600 करोड़ रुपये के बीच होता है.
आल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरिन्दर कुमार जैन ने कहा, ‘‘पवित्र गुडी पडवा के मौके पर भी महाराष्ट्र तथा अन्य जगहों पर सर्राफा बाजार में रौनक गायब रही.’ उन्होंने कहा कि गतिरोध दूर होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे क्योंकि सरकार ने प्रस्ताव को वापस लेने का कोई संकेत नहीं दिया है. सरकार आभूषण निर्माताओं की मांगों पर गौर करने के लिए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिरी की अध्यक्षता में एक समिति पहले ही गठित कर चुकी है.
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