भारत को मुक्त व्यापार समझौतों की जरुरत:शर्मा

नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) करने की नीति का बचाव करते हुए कहा है कि भारत को दुनिया के साथ संपर्क तथा एकीकरण करना होगा और वह अपने चारों ओर दीवार नहीं बना सकता.शर्मा ने एक साक्षात्कार में कहा, अगर हम अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2013 12:38 PM

नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) करने की नीति का बचाव करते हुए कहा है कि भारत को दुनिया के साथ संपर्क तथा एकीकरण करना होगा और वह अपने चारों ओर दीवार नहीं बना सकता.शर्मा ने एक साक्षात्कार में कहा, अगर हम अपने एफटीए पर देखें तो हम लाभान्वित हैं, हम खोने वालों में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक कारोबार में भारत का हिस्सा बहुत कम है और कुल आर्थिक वृद्धि को बढाने के लिए देश को निर्यात बढाते हुए अपना हिस्सा बढ़ाना होगा.

उन्होंने कहा,जब हम एशिया के व्यापक आर्थिक एकीकरण तथा प्रशांत क्षेत्र तक पहुंचने की बात कर रहे हैं. क्या भारत खुद को अलग रख सकता है. आप अपने चारों ओर दीवार बनाकर नहीं बढ़ सकते. हम वैश्वीकृत दुनिया में रहते हैं. हमें संपर्क तथा एकीकरण करना होगा. उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देश आपसी व्यापार तथा निवेश बढाने के लिए एक दूसरे के साथ एकीकृत हो रहे हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दुनिया में क्या हो रहा है. उन्होंने इस संबंध में उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (नाफ्टा), अमेरिका, आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड सहित नौ देशों में ट्रांस-पैसेफिक पार्टनरशिप तथा ट्रांसअटलांटिक ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप (टीटीआईपी) का उदाहरण दिया.

शर्मा ने कहा, हम न तो प्रशांत महासागरीय न ही अटलांटिक हैं, हम हिंद महासागर का देश हैं. इसलिए हमें यह सोचना होगा कि हम अपना उचित हिस्सा कैसे हासिल कर सकते हैं या हम व्यापार व निवेश के लिए क्षेत्रीय प्रणालियां तथा व्यवस्थाएं कैसे कर सकते हैं. अनेक विशेषज्ञों के साथ साथ निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने कहा है कि भारत ने जिन देशों के साथ एफटीए किया है उनमें से कई को निर्यात में कमी आ रही है.मीडिया रपटों के अनुसार वित्त मंत्रलय ने भी इन समझौतों के भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर को लेकर चिंता जताई है.

शर्मा ने कहा, जहां तक व्यापार समझौतों का सवाल है, हमेशा संतुलन होता है फिर आंतरिक समीक्षा प्रणाली भी है. यह भी नहीं भूलें कि वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा अब भी बहुत कम है. यह दो प्रतिशत से कुछ ज्यादा है. मंत्री ने इसे यथाशीघ्र दोगुना करने की जरुरत बताई. भारत ने अब तक सिंगापुर, कोरिया, जापान, मलेशिया तथा आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है. इसके अलावा आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ तथा न्यूजीलैंड आदि देशों के साथ एफटीए को लेकर बातचीत चल रही है.

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