नयी दिल्ली :मुद्रास्फीति मार्च महीने में घटकर 4.83 प्रतिशत पर आ गयी है, जो इसका छह महीने का निचला स्तर है. मुख्य रूप से सब्जियों और दालों जैसे खाद्य उत्पादों के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है. फरवरी माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को उपर की ओर संशोधित कर 5.18 से 5.26 प्रतिशत किया गया है. इससे पहले सितंबर, 2015 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.41 प्रतिशत पर थी. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकडों के अनुसार मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति भी घटकर 5.21 प्रतिशत पर आ गयी है. फरवरी में यह 5.30 प्रतिशत पर थी. मार्च में सब्जियों की मूल्यवृद्धि 0.54 प्रतिशत रही. तेल एवं वसा की 4.85 प्रतिशत, दूध और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.33 प्रतिशत दर्ज की गयी. वहीं दूसरी ओर फलों के दाम समीक्षाधीन महीने में 1.10 प्रतिशत घट गये.
औद्योगिक उत्पादन में फरवरी में 2 प्रतिशत की वृद्धि
खनन, बिजली तथा उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में फरवरी के दौरान 2.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे पहले पिछले तीन महीनों में इसमें गिरावट दर्ज की गयी थी. औद्योगिक वृद्धि अर्थव्यवस्था में पुनरद्धार का संकेत है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ)के आंकडों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के संदर्भ में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में नवंबर में 3.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी जबकि दिसंबर और जनवरी में इसमें क्रमश: 1.2 प्रतिशत तथा 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.
पिछले वर्ष फरवरी में सूचकांक में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान औद्योगिक उत्पादन 2.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. उपभोक्ता टिकाउ वस्तुओं के उत्पादन में सुधार से फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई. उपभोक्ता टिकाऊ सामान के क्षेत्र में फरवरी में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में 3.8 प्रतिशत की गिरावट हुई थी.
सूचकांक में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र में आलोच्य महीने में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि फरवरी 2015 में इसमें 5.1 प्रतिशत की बढोतरी हुई थी. खनन क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि हुई. फरवरी महीने में इसमें 5.0 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 1.6 प्रतिशत थी. बिजली उत्पादन में आलोच्य माह के दौरान 9.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो एक वर्ष पूर्व फरवरी महीने में 5.9 प्रतिशत थी.
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