खाड़ी देशों से मनीआर्डर में कमी कच्चे तेल में गिरावट का लाभ बराबर कर सकती है : मूडीज

नयीदिल्ली : कच्चे तेल की कीमत में नरमी से प्रभावित खाड़ी देशों से मनीआर्डर में कमी आने पर भारत समेत एशिया-प्रशांत के कई देशों को मिल रहा फायदा बराबर हो सकता है. यह बात मूडीज इन्वेस्टमेंट सर्विस ने आज कही.मूडीज ने एक रपट में कहा, ‘‘ मनीआर्डर कम होने पर प्राप्तकर्ता देशों की साख कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2016 2:48 PM

नयीदिल्ली : कच्चे तेल की कीमत में नरमी से प्रभावित खाड़ी देशों से मनीआर्डर में कमी आने पर भारत समेत एशिया-प्रशांत के कई देशों को मिल रहा फायदा बराबर हो सकता है. यह बात मूडीज इन्वेस्टमेंट सर्विस ने आज कही.मूडीज ने एक रपट में कहा, ‘‘ मनीआर्डर कम होने पर प्राप्तकर्ता देशों की साख कर भुगतान संतुलन की स्थिति पर असर पड़ सकता है.’ भारत जैसे देशों की अर्थव्यवस्था में मनीआर्डर से होने वाली आय का अच्छा खासा महत्व है. इसमें लंबे समय तक गिरावट से आर्थिक वृद्धि’ भी प्रभावित होगी.’ मूडीज ने उक्त रपट में छह एशियाई देशों – बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, फिलिपीन, श्रीलंका और वियतनाम – को विदेश में काम करने नागरिकों की ओर से भेजे जाने वाले मनीआर्डर में कमी से साख पर होने वाले असर का विश्लेषण किया गया है.

इन देशों को विदेश में काम करने वाले अपने नागरिकों के मनीआर्डर से मिलने वाला धन उनके सकल घरेलू उत्पाद के 3-10 प्रतिशत के बराबर हैं. इन देशों के विदेशी मुद्राभंडार में ऐसे धन का योगदान 22 से 188 प्रतिशत है.

भारत में कुल 52.1 प्रतिशत मनीआर्डरखाड़ी देशों से आता है जबकि पाकिस्तान को मिलने वाले मनीआर्डर मेंखाड़ी के देशों का योगदान 61.2 प्रतिशत है. बांग्लादेश को 54.8 प्रतिशत और श्रीलंका को 50.9 प्रतिशत मनीआर्डर खडी क्षेत्र से मिलता है.

मूडीज ने कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के लिहाज से भारत को छोड़कर सभी देशों में मनीआर्डर कुल कच्चे तेल के आयात के मुकाबले अधिक है. इसलिए मनीआर्डर की स्थिति में बदलाव से उनके चालू खाते के घाटे पर ज्यादा असर हो सकता है.’ मूडीज ने कहा कि 2015 की शुरुआत से कच्चे तेल की कीमत में 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई है और उसका अनुमान है कि दीर्घकाल में मनीआर्डर में कमी का अनुपात तेल की गिरावट में कमी के अनुपात से कम रहेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version