मॉनसून अच्छा हुआ तो रेपो रेट अौर कम कर सकते हैं : रघुराम राजन

वाशिंगटन : मुद्रास्फीति कम हुई तथा माॅनूसन बेहतर रहा तो रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में आगे और कटौती कर सकता है. यह बात आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने कही. उन्होंने कहा, ‘‘हम मुद्रास्फीति को देख रहे हैं. इसमें गिरावट यदि जारी रही तो उससे गुंजाइश: नीतिगत ब्याज दर में और कटौती की गुंजाइश: बनेगी.’ आरबीआइ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2016 2:00 PM

वाशिंगटन : मुद्रास्फीति कम हुई तथा माॅनूसन बेहतर रहा तो रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में आगे और कटौती कर सकता है. यह बात आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने कही. उन्होंने कहा, ‘‘हम मुद्रास्फीति को देख रहे हैं. इसमें गिरावट यदि जारी रही तो उससे गुंजाइश: नीतिगत ब्याज दर में और कटौती की गुंजाइश: बनेगी.’ आरबीआइ ने इसी माह के शुरू में फौरीऋण की अपनी ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दी जो पिछले पांच साल का न्यूनतम स्तर है. यह कटौती छह महीने के अंतराल पर की गयी. जनवरी 2015 से अबतक आरबीआइ ने नीतिगत दर में कुल मिला कर 1.5 प्रतिशत की कटौती की है.

राजन यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने आए हैं. उन्होंने कहा कि आरबीआइ यह भी देखना चाहता है कि माॅनसून की स्थिति दो साल लगातार खराब रहने के बाद इस साल इसकी प्रगति कैसी रहती है.

राजन ने वालस्ट्रीट जर्नल को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम अच्छे माॅनसून के संकेतों का इंतजार हैं. दुर्भाग्य से भारत अभी माॅनसून के प्रति थोड़ा संवेदनशील है हालांकि लोगों को मॉनसून और खाद्य मूल्य के बीच संबंध देख पाना मुश्किल होता है. लेकिन इस :संबंध: की संभावना है :यदि: यह तीसरा वर्ष भी खराब माॅनसून का रहा तो यह हो सकता है.’ उन्होंने कहा कि जहां तक वृहत-आर्थिक हालात को संभालने का सवाल है तो भारत ने सही काम किया जबकि कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं समेत अन्य अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल वैश्विक हालात के बीच मुश्किल में हैं.

राजन ने कहा कि भारत ने अपना घाटा कम किया है ताकि वह उतार-चढाव भरे वैश्विक हालात में अपने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए अपेक्षाकृत अधिक लचीलेपन के साथ काम कर सके.

राजन ने अमेरिका की मौद्रिक नीति में उभरते बाजारों का पहले से अधिक ध्यान रखने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन की भी प्रशंसा की.

उन्होंने कहा, ‘‘वे निश्चितरूप से ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और ज्यादा ध्यान देने के बारे में सोच रहे हैं जो मुझे लगता है कि स्वागत योग्य कदम है … मुझे लगता है कि येलेन के कार्यकाल में इसमें थोड़ा बदलाव हुआ है.’ राजन ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति में हाल में उभरते बाजारों के लिए मुद्रा उतार-चाव और जिंस मूल्य में गिरावट जैसे मुद्दों के समाधान के संबंध में और गुंजाइश प्रदान की गयी है.

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढोतरी की धीमी रफ्तार का हवाला देते हुए राजन ने कहा कि इससे दूसरों के उपर का दबाव थोड़ा कम हुआ है.

Next Article

Exit mobile version