मुंबई :शराब कारोबारी विजय माल्या की दिक्कतें और बढ़ रही हैं. आईडीबीआई बैंक के 900 करोड रुपये के ऋण के मामले में धोखाधडी से संबंधित मनी लांड्रिंग के पहलुओं की जांच के सिलसिले में आज यहां एक विशेष अदालत ने माल्या की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर मनी लांड्रिंग रोधक कानून से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के जज पी आर भावके ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया. शराब उद्यमी माल्या (60) इस समय ब्रिटेन में हैं.
ईडी द्वारा जारी तीन समन पर वह जांच में सहयोग के लिए वह मुंबई में ईडी के जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं. माल्या ने जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए मई तक का समय मांगा है. इस अदालत ने इसके अलावा किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से ईडी के दावों चुनौती देने के लिए अलग से जारी अर्जी भी खारिज कर दी. ईडी ने दावा किया है कि आईडीबीआई से प्राप्त 900 करोड रपये के ऋण में से 430 करोड रुपये को गैरकानूनी तरीके से ‘निकालकर’ उससे विदेश में संपत्तियां खरीदी गईं.
किंगफिशर ने ईडी के दावे को असत्य बताया है. माल्या ने 9 अप्रैल को ईडी के आखिरी समन के जवाब में माल्या ने जांच अधिकारी (आईओ) को सूचित किया था कि बैंकों के ऋणके निपटान का मामला उच्चतम न्यायालय में होने की वजह से वह व्यक्तिगत रुप से पेश नहीं हो सकते हैं. ईडी ने माल्या को अप्रैल के पहले सप्ताह में नया समन जारी करते हुए उन्हें 9 अप्रैल को पेश होने को कहा था. इससे पहले माल्या ने 18 मार्च और दो अप्रैल की पिछली तारीखों पर उपस्थित होने में आधिकारिक कारणों से असमर्थता जतायी थी.
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