नयी दिल्ली : सरकार के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) निकासी के प्रस्तावित नियमों में संशोधन कर दिया है. केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सोमवार को नये नियम में संशोधन की घोषणा करते हुए कहा कि कोई भी ईपीएफओ अंशधारक मकान, स्वास्थ्य (इलाज), बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए पीएफ खाते में जमा पूरी राशि निकाल सकता है. पूर्व के नियमों के अनुसार अंशधारक पूरा पैसा नहीं निकाल सकता था. इस संशोधन के बाद अब घर बनाने, खुद का या परिवार के किसी सदस्य का इलाज कराने या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पीएफ की राशि बिना किसी बाधा के निकाली जा सकेगी.
संशोधित नियमों के अनुसार, मेडिकल, डेंटल और इंजीनियरिंग में शिक्षा के लिए किसी भी वक्त निकासी हो सकेगी. साथ ही अपने बच्चों की शादी के लिए भी कर्मचारी पीएफ से पैसा निकाल पाएगा. कर्मचारी इन कार्यों के लिए पूरा पैसा भी निकाल सकेंगे. इसके साथ ही 58 साल आयु पूरी होने पर कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा राशि को पूरी तरह निकाल पायेगा.
इससे पहले, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक मई, 2016 से प्रोविडेंट फंड (पीएफ) निकासी के नियम में बदलाव करने का निर्णय किया था. जिसके तहत पीएफ अकाउंट होल्डर अपने भविष्य निधि का पूरा पैसा नहीं निकाल सकते हैं. ईपीएफओ के इस नये नियम से कर्मचारियों के मन में भय पैदा हो गया था. केंद्र सरकार ने फरवरी में पीएफ निकासी के नियमों को कड़ा कर दिया था. काफी विरोध के बाद सरकार ने नियमों में संसोधन किया है.
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