अगले कुछ सप्ताह में दिवालिया कानून पारित कर लेंगे : अरुण जेटली

न्यूयार्क : भारत आर्थिक वृद्धि को बढावा देने के लिए ढांचागत क्षेत्र में बदलाव और प्रमुख सुधारों को लागू करने में लगा है. वित्त मंत्री अरण जेटली ने यह बात कहते हुये उम्मीद जताई कि इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि में पिछले साल के मुकाबले सुधार आयेगा. पिछले वित्त वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2016 6:32 PM

न्यूयार्क : भारत आर्थिक वृद्धि को बढावा देने के लिए ढांचागत क्षेत्र में बदलाव और प्रमुख सुधारों को लागू करने में लगा है. वित्त मंत्री अरण जेटली ने यह बात कहते हुये उम्मीद जताई कि इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि में पिछले साल के मुकाबले सुधार आयेगा. पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही थी. एशिया सोसायटी में अपने भाषण में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे की दिशा का जिक्र हुए जेटली ने कहा कि देश को अभी भी ढांचागत बदलाव की काफी जरूरत है और सरकार ने प्रक्रियाओं को आसान, कारोबारी माहौल को सुगम बनाने और प्रणाली में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए कई पहलें की हैं.

जेटली ने उम्मीद जताई कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून को अगले कुछ सप्ताह में पारित कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार एक कानून को पारित करने के अंतिम चरण में है जो वाणिज्यिक ऋणग्रस्तता से संबद्ध है.

सरकार ने मध्यस्थता कानूनों में भी बदलाव किया है तथा कंपनी अधिनियम के मुश्किल प्रावधानों में संशोधन किया है और अगले कुछ साल मेंकाॅरपोरेट कर को घटाकर 25 प्रतिशत पर ला दिया जायेगा. अप्रत्यक्ष कर के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत संसद में वस्तु एवं सेवा कर को पारित कराये जाने के अंतिम चरण में है जिसके बाद सहयोगी कानूनों के जरिए इसका कार्यान्वयन किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन ढांचागत बदलावों को लाने केलिए अगले कुछ साल केलिए हमारे हाथ में काफी काम है. इसके अलावा दो उल्लेखनीय चीजों पर मैं ध्यान दे रहा हूं और वे हैं बुनियादी ढांचे तथा ग्रामीण भारत में व्यय बढाना.’

जेटली ‘‘ये दो क्षेत्र हैं जो पिछड़ रहे हैं और ये ही प्रमुख क्षेत्र नजर आते हैं जिन पर ध्यान रहेगा. अगले कुछ साल में अर्थव्यवस्था की दिशा भी वही होगी.’ उन्होंने कहा कि विश्व के सामने फिलहाल गंभीर चुनौतियां हैं और भारत इनमें से ज्यादातर चुनौतियों से खुद अछूता नहीं रख सकता. उन्होंने, हालांकि, उम्मीद जताई कि देश इस साल पिछले वित्त वर्षों के मुकाबले बेहतर आर्थिक वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रहेगा.

सीआइआइ और एशिया सोसायटी पालिसी इंस्टीच्यूट के एक समारोह में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘नरमी के माहौल के बावजूद 2013-14 में वृद्धि दर करीब सात प्रतिशत, 2014-15 में 7.2 प्रतिशत और 2015-16 में 7.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी और उम्मीद है कि इस साल यह आंकड़ा बेहतर होगा.’

जेटली ने कहा कि भारत ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के लिहाज से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इसमें और अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करने की संभावना है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि वैश्विक मानकों में नरमी के माहौल को देखते हुए भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. लेकिन हमारे अपने मानकों और तेज वृद्धि दर दर्ज करने, गरीबी उन्मूलन और विकसित देश में तब्दील करने की उम्मीदों के मद्देनजर हम इससे थोड़ा बेहतर कर सकते हैं.’ भारत तेजी से वृद्धि दर्ज कर सके इसके लिए पहल की जा रही है.

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