नयी दिल्ली: रिलायंस इंडस्टरीज का 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 16 प्रतिशत बढकर 7,398 करोड रुपये पर पहुंच गया. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, ऊंचे रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन मार्जिन की वजह से कंपनी के शुद्ध लाभ में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. कंपनी का यह पिछले आठ साल में सबसे अधिक […]
नयी दिल्ली: रिलायंस इंडस्टरीज का 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ 16 प्रतिशत बढकर 7,398 करोड रुपये पर पहुंच गया. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, ऊंचे रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन मार्जिन की वजह से कंपनी के शुद्ध लाभ में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. कंपनी का यह पिछले आठ साल में सबसे अधिक तिमाही मुनाफा है. कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी. कंपनी ने कहा कि जनवरी-मार्च 2016 तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 7,398 करोड रुपये या 25.1 रुपये प्रति शेयर रहा. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6,381 करोड रुपये या 21.7 रुपये प्रति शेयर के एकीकृत शुद्ध लाभ से 15.9 प्रतिशत अधिक है. एकल आधार पर कंपनी का तिमाही लाभ 17.25 प्रतिशत बढकर 7,320 करोड रुपये रहा.
यह कंपनी का आठ साल का सबसे अधिक तिमाही मुनाफा है. इससे पहले 2007-08 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 8,079 करोड रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. दुनिया के सबसे बडे तेल रिफाइनरी परिसर की परिचालक रिलायंस ने तिमाही के दौरान प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 10.8 डालर की कमाई की. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 10.1 डालर रहा था. कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन सिंगापुर के बेंचमार्क से 3.1 डालर प्रति बैरल अधिक रहा. हालांकि, जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी की बिक्री 12 प्रतिशत घटकर 64,569 करोड रुपये रह गई। कंपनी ने 2015-16 में 27,630 करोड रुपये या 93.1 रुपये प्रति शेयर का रिकॉर्ड वार्षिक मुनाफा कमाया है. यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 23,566 करोड़ रुपये या 80.1 रुपये प्रति शेयर रहा था. हालांकि, वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कारोबार 23.8 प्रतिशत घटकर 2,96,091 करोड रुपये रह गया
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