नयी दिल्ली : रेलवे को दुरुस्त बनाने के लिए ठोस रणनीति और सबके समर्थन एवं राजनीति से उपर उठकर देखने की जरुरत पर बल देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि रेलवे के विकास के लिए हमारे पास पांच साल का स्पष्ट खाका है. सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श करके 2030 तक के लिए खाका तैयार किया जा रहा है. लोकसभा में रेल बजट के लिए 2016-17 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रभु ने कहा, ‘रेलवे को ठीक करने के लिए रणनीति बनाने, सबके समर्थन के साथ आगे बढने और राजनीति से उपर उठकर देखने की जरुरत है. पिछले दो साल से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इसी दिशा में बढ रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री रेलवे को देश के विकास के आधार के रूप में देखते हैं.’ उन्होंने कहा कि हमने रेलवे को दुरुस्त बनाने के लिए पांच साल की स्पष्ट योजना बनाई है. यहीं नहीं हमने 5 से 10 साल के दौरान भी रेल कैसे चले, इसकी भी योजना बनाई है. इस दिशा में विजन 2020 महत्वपूर्ण है.
पूर्व से ही रेलवे की कई योजनाएं लंबित
रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे की काफी योजनाएं लंबित हैं, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्व में काफी संख्या में योजनाओं का एलान किया गया लेकिन इनके लिए बजट का प्रावधान नहीं किया गया, इसके कारण ये पूरी नहीं हो सकी.’ उन्होंने कहा, ‘इस स्थिति को देखते हुए हम राज्यों, सांसदों, सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श करके योजना बनाने की पहल कर रहे हैं. हमने रेलवे को पटरी पर लाने के लिए 2030 की रुपरेखा तैयार करने की पहल की है जो देश का और देश के लिए है.’ सदन ने इस संबंध में कई कटौती प्रस्तावों को नामंजूर करते हुए 2016-17 के लिए अनुदान की मांगों को पारित कर दिया. रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे में मांग और आपूर्ति में काफी अंतर है और सभी मांगों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इसके लिए हमने कुछ नया करने की पहल की है जिसके जरिये रेलवे में नयी जान डालने और इसके पुनगर्ठन की पहल शामिल है, साथ ही रेलवे के राजस्व को बढाने का कार्य भी किया गया है. हम ‘रेल को ठीक करो’ ध्येय को आगे लेकर चल रहे हैं.’ रेल मंत्री ने कहा कि पहली बार रेल बजट में कार्य निष्पादन रिपोर्ट पेश की गयी है जिसके जरिये हम बताना चाहते हैं कि घोषणाओं के अनुरुप क्या काम किया गया. प्रभु ने कहा कि रेल बजट पेश करने के बाद हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं जिसमें मिशन शून्य दुर्घटना, मिशन लागत कमी, दक्षता अनुपालन, मिशन रफ्तार, मिशन फ्रेट टर्मिनल जैसी पहल शामिल है.
हर मद के खर्चे का होगा ऑडिट
उन्होंने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक जानना चाहता है कि पैसा कहां कहां और किस प्रकार से खर्च किया गया. इसे ध्यान में रखते हमने परिणामोन्मुख आडिट की पहल की है ताकि सब खर्चो को हिसाब रखा जाए. रेल मंत्री ने कहा कि राजग सरकार के दौरान रेलवे में तीव्र गति से काम किये जाने और आवंटन बढाये जाने को रेखांकित करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि न केवल रेलवे दोहरीकरण के कार्य को तेजी से बढाया गया बल्कि 1145 किलोमीटर अमान परिवर्तन का कार्य किया गया. रेल लाइन दोहरीकरण के लिए आवंटन में भी काफी वृद्धि की गयी है. 2015..16 की तुलना में विद्युतीकरण के लिए आवंटन बढाया गया है और मानव रहित समपार को समाप्त करने की पहल की गयी है. रेलवे के सुदृढीकरण के लिए सरकार की पहल का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा, ‘हम मिशन श्रेष्ठ को आगे बढा रहे हैं ताकि अनुसंधान एवं शोध को आगे बढाया जा सके.’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही रेलवे योजना एवं पुनगर्ठन संगठन को आगे बढाने की भी पहल की गयी है. रेल मंत्री ने कहा कि शुल्क ढांचे के पुनगर्ठन की भी पहल की गई है और रेल का राजस्व बढाने की भी पहल की गई है.
रेलवे विकास कोष में अधिक होगा आवंटन
रेलवे विकास कोष और मूल्य ह्रास कोष में आवंटन में कमी के बारे में विपक्ष की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि इन कोषों की परिकल्पना कई दशकों पहले की गई थी और तब से काफी बदलाव हुए हैं. अगर हम विकास की बात करते हैं तब हमें समग्रता से देखने की जरुरत है और ऐसे में पूंजीगत व्यय को देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेलवे के लिए इस बार पूंजीगत व्यय मद में 94 हजार करोड रुपये दिए गए हैं और इसमें दोहरीकरण, विद्युतीकरण और सुरक्षा को विशेष तवज्जो दी है. प्रभु ने कहा कि रेलवे को अधिक खर्च करना है और इसे ध्यान में रखते हुए हम वैश्विक चलन पर ध्यान दे रहे हैं.
बजट में यात्री सुविधाओं पर विशेष जोर
उन्होंने कहा कि रेल बजट में विशेष तौर पर यात्री सुविधाओं और गरीब लोगों का ध्यान रखा गया है. गरीबों के लिए अंत्योदय एक्सप्रेस, दीन दयालु कोच, भविष्योन्मुखी तेजस, 40 प्रतिशत अधिक यात्री ढोने में सक्षम उदय ट्रेन जैसी पहल की गई है. रेल मंत्री ने कहा कि पहला रेल विश्वविद्यालय बडोदरा में स्थापित करने की पहल की गई है. वहां पहले से आधारभूत ढांचा है और इससे लागत कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन सहित कोई भी हाई स्पीड ट्रेन सामान्य गति की आम आदमी की रेलगाडियों की गति को प्रभावित नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन आने के साथ देश में अत्याधुनिक प्रौद्यागिकी आएगी, जो देश के विकास में बहुत बडा योगदान देगी. उन्होंने इस बात को भी गलत बताया कि जापान ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए ऋण तो बहुत ही कम दर पर दिया है लेकिन कंसलटेंसी शुल्क, उपकरणों और अन्य मदों में वह भारत से बहुत बडी रकम वसूलेगा. प्रभु ने कहा, ‘जापान ने 0.। प्रतिशत की दर से ऋण मुहैया कराया है जिसे 50 साल में चुकाया जाना है. इससे कम ब्याज दर वाला ऋण और कहीं नहीं मिल सकता है.’
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