नयी दिल्ली: भारत यदि सालाना 7-9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखे तो अगले 30 साल में देश का शहरीकरण दोगुना होकर 60 प्रतिशत से अधिक हो सकता है. यह बात आज नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढिया ने कही. पनगढिया ने यहां दो दिन के शहरी प्रबंधन कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर […]
नयी दिल्ली: भारत यदि सालाना 7-9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखे तो अगले 30 साल में देश का शहरीकरण दोगुना होकर 60 प्रतिशत से अधिक हो सकता है. यह बात आज नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढिया ने कही. पनगढिया ने यहां दो दिन के शहरी प्रबंधन कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘‘आम तौर पर विकसित देशों में शहरीकरण का स्तर 60 प्रतिशत से अधिक है. भारत को उस स्तर पर पहुंचने में वक्त लगेगा. दो से तीन दशक में भारत का शहरी 60 प्रतिशत होना चाहिए. लेकिन इसके लिए 7-9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि की जरूरत होगी.’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में शहरीकरण की प्रक्रिया बढ सकती है, क्योंकि देश की 30-35 प्रतिशत आबादी शहरी हो चुकी है जो एक क्रांतिक स्तर है.’ उन्होंने कहा, ‘‘अनुभवजन्य साक्ष्यों से यही लगता है कि जब आबादी का 30-35 प्रतिशत शहरीकरण हो जाने पर शहरीकरण की प्रक्रिया तेज होती है.’ उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में शहरीकरण की वृद्धि 31.16 प्रतिशत थी. पनगढिया ने कहा, ‘‘हमारा शहरीकरण धीमा रहा है. 1951 में जब हमने शुरू किया था, शहरी आबादी सिर्फ 17 प्रतिशत थी. इस तरह शहरीकरण अब तक दो प्रतिशत प्रति दशक के आधार पर बढी है. निम्न आधार इसका मुख्य कारण है.
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