बोले विजय माल्या- भारत लौटने की कोई योजना नहीं

लंदन : शराब कारोबारी विजय माल्या भारतीय बैंको का कर्ज चुकाने के लिए तैयार हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ. इस संबंध में आज लंदन के अंगेजी अखबार फाइनैंशल टाइम्स ने खबर छापी है. आपनी खबर में अखबार ने माल्या के हवाले से खबर प्रकाशित की है कि वह कुछ शर्तों के साथ बैंक का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2016 11:37 AM

लंदन : शराब कारोबारी विजय माल्या भारतीय बैंको का कर्ज चुकाने के लिए तैयार हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ. इस संबंध में आज लंदन के अंगेजी अखबार फाइनैंशल टाइम्स ने खबर छापी है. आपनी खबर में अखबार ने माल्या के हवाले से खबर प्रकाशित की है कि वह कुछ शर्तों के साथ बैंक का कर्ज चुकाने के लिए राजी हैं. माल्या ने कहा है कि बैंकों के साथ उनकी बातचीत हमेशा से हो रही है. इसका मतलब यह है कि हम मामले को लेकर समझौता करने के मूड में हैं लेकिन हम समझौता ऐसा करना चाहते हैं जिससे दोनों पार्टी को सहूलियत हो.

उन्होंनेफाइनैंशलटाइम्स से कहा कि मैं निश्चित तौर पर भारत लौटना चाहूंगा. फिलहाल, हालात मेरे खिलाफ तेजी से और भयानक तरीके से आगे बढ रहे हैं. मेरा पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है. मुझे नहीं पता कि सरकार का अगला कदम क्या होगा.’ साठ वर्षीय माल्या ने कहा कि वह एक देशभक्त हैं , जिसे तिरंगा फहरा कर गर्व होता है. लेकिन उनके बारे में जो चीख-पुकार मची है, ऐसे में वे ब्रिटेन में सुरक्षित रहकर खुश हैं और उनकी भारत लौटने की कोई योजना नहीं है.माल्या ने कहा कि मेरा पासपोर्ट लेकर या मुझे गिरफ्तार करके कोई फायदा नहीं होने वाला है. ऐसा करके बैंकों को कोई पैसा नहीं मिलने वाला है. माल्या ने कहा है कि मेरा देश छोडने का कोई इरादा नहीं था. ऐसा करने के लिए मुझे मजबूर किया गया.

माल्या ने फिनांशल टाइम्स से कहाकिआज भारत के माहौल को समझना महत्वपूर्ण है. इलेक्ट्रानिक मीडिया न सिर्फ जनता की राय बाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है बल्कि सरकार को भी बडे पैमाने पर भडका रहा है. भारत सरकार ने कल ब्रिटेन को शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए पत्र लिखा है. मनी लांडरिंग मामले में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है.माल्या दो मार्च को विमान के जरिए दिल्ली से लंदन पहुंचे थे क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक समूह ने उनकी बंद पड चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स लिमिटेड द्वारा लिए गए करीब 9,000 करोड रपए के रिण की वसूली के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

उन्होंने कहा कि वह किंगफिशर के कोष के दूसरे काम में उपयोग, संपत्ति खरीदने या ऐसी चीजों से जुडे किसी गलत आरोप के मामले में दोषी नहीं हैं.सरकार किंगफिशर के खातों के लेखा-परीक्षण और बैंकों के रिण के उपयोग के संबंध में विश्व के बेहतरीन लेखापरीक्षक को नियुक्त कर सकती है. उन्होंने कहाकिमुझे भरोसा है कि उन्हें कुछ नहीं मिलेगा, क्योंकि यही सच है. उन्होंने हमेशा कहा है कि इस सबके बावजूद वह किंगफिशर के रिणदाताओं के साथ मामला निपटाना चाहते हैं. यह पूछने पर कि उनकी चिंताओं की वजह कौन है, माल्या ने कहा,काश, मुझे पता होता.’

यह पूछने पर कि उनके पीछे नौकरशाह हैं या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, माल्या ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि जिस तरीके से मेरा पासपोर्ट पहले निलंबित किया गया और फिर रद्द किया गया वह असाधारण जल्दबाजी में किया गया. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह सार्वजनिक अवकाश के दिन पहले निलंबन की सूचना आई … जिसका मैंने जवाब दिया. मेरे जवाब पर विचार नहीं किया गया और शनिवार को पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. यह पूछने पर कि क्या उन्होंने गलतियां की हैं, माल्या ने कहा कि मैंने कई गलतियां की होंगी.

माल्या से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने जनता का मिजाज पढने में गलती की जो भारत में ठसकदार अरबपतियों के खिलाफ हो गया, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं समझ में आता कि उन्हें जानबूझ कर चूक करने वाला (विलफुल डिफाल्टर) क्यों करार दिया गया. उन्होंने कहा कि हमने किंगफिशर एयरलाइन्स में 61 करोड पाउंड का निवेश किया है, हमने विमानन कंपनी को बचाने के लिए हर संभव उपाय किए था. वृहत्-आर्थिक कारकों और तत्कालीन सरकार की नीतियों के कारण, दुर्भाग्य से किंगफिशर को नहीं बचाया जा सका. हालांकि मैंने अपनी सामान्य जिंदगी जी है .. लोगों को लगता है कि मैं दिखावा करता हूं, दरअसल मैं बेहद सीधा-सादा आदमी हूं. माल्या ने कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी कडी मेहनत की है. उन्होंने कहा कि वह बैंकों के साथ मामला निपटाना और अपनी जिंदगी शांति से बिताना चाहते हैं. फिलहाल उनका ध्यान इसी पर है.

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