विजय माल्या ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया
नयी दिल्ली : शराब कारोबारी विजय माल्या ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. मनी लॉड्रिंग केस में उनका नाम आने के बाद राज्यसभा से इस्तीफे के लिए माल्या पर दबाव बढ़ गया था. माल्या ने इस मामले पर पहले ही बयान दिया था कि अगर उनका पास्पोर्ट रद्द किया गया या उन्हें गिरफ्तार किया गया […]
नयी दिल्ली : शराब कारोबारी विजय माल्या ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. मनी लॉड्रिंग केस में उनका नाम आने के बाद राज्यसभा से इस्तीफे के लिए माल्या पर दबाव बढ़ गया था. माल्या ने इस मामले पर पहले ही बयान दिया था कि अगर उनका पास्पोर्ट रद्द किया गया या उन्हें गिरफ्तार किया गया तो उन्हें एक भी पैसा वापस नहीं मिल पायेगा.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से यह खबर है कि विजय माल्या ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. राज्यसभा के चेयरमैन हामिद अंसारी को इस्तीफे की एक कॉपी भेजी है. सूत्रों की मानें, तो माल्या पर एथिक्स कमेटी का भी दबाव था. इसकी एक कॉपी इस कमेटी को भी भेजी गयी है. माल्या के पास इस्तीफे के अलावा कोई रास्ता नहीं था क्योंकि कमेटी पहले ही उन्हें हटाने का मन बना चुकी थी. 25 अप्रैल को हुई एथिक्स कमेटी ने उन्हें 7 दिन का वक्त दिया था.
अगर तय सीमा के अंदर वो जांच एजेंसी के सामने नहीं आयेंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. एथिक्स कमेटी में हुई बैठक के बाद मीटिंग के बाद चैयरमेन कर्ण सिंह ने कहा था कि माल्या ने नॉन बेलेबल वारंट की अनदेखी करते हुए गुनाह किया है. विजय माल्या से एथिक्स कमेटी ने पूछा था कि आप पर जैसे आरोप लगे हैं क्यों न आपकी सदस्यता खत्म कर दी जायेगी. इसके जवाब में माल्या ने इस्तीफा भेज दिया. हालांकि उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की गयी.
माल्या अपने डिपोलमेंट पासपोर्ट के साथ विदेश भागे थे. पहले विदेश मंत्रालय ने माल्या का ईडी की सिफ़ारिश पर माल्या का पासपोर्ट निलंबित कर दिया. इसके बाद माल्या का पोसपोर्ट रद्द कर दिया गया. तीन बार नोटिस के बाद भी माल्या ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए. हालांकि उन्होंने पूरे मामले में अपनी बात सामने रखी और बताया कि वो पैसा वापस करना चाहते हैं. माल्या विभिन्न बैंकों से 9000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण लेने के बाद उसे नहीं चुकाने को लेकर कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या देश छोडकर चले गए. माल्या पर विभिन्न बैंकों का लगभग 7800 करोड़ रुपये बकाया है और वे इस मामले में डिफॉल्टर घोषित किये जा चुके हैं.
माल्या के पास विदेशों में चल और अचल दोनों तरह जितनी संपत्ति है वह उनके द्वारा लिए गए ऋण से भी अधिक है.इस पर पीठ ने जानना चाहा कि ऐसी स्थिति में कैसे बैंकों ने उन्हें कर्ज दिया. एजी ने कहा कि ऋण इस बात को ध्यान में रखकर दिया गया कि किंगफिशर एयरलाइंस के पास विमानों का बेडा और ब्रांड वैल्यू है तथा ऋण लोगो और विमान के तीसरे पक्ष से जुडे होने के आधार पर भी दिया गया.
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