इस्तीफा देकर भी माल्या के नाम व छवि की होगी मिट्टी पलीद!
नयी दिल्ली : शराब कारोबारी विजय माल्या की राज्यसभा की सदस्यता से बरखास्तगी तय मानी जा रही है. राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने मंगलवार को माल्या का इस्तीफा प्रक्रियागत आधार पर अस्वीकार कर दिया. कर्ण सिंह की अध्यक्षतावाली आचार समिति ने भी इसे खारिज करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. […]
नयी दिल्ली : शराब कारोबारी विजय माल्या की राज्यसभा की सदस्यता से बरखास्तगी तय मानी जा रही है. राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने मंगलवार को माल्या का इस्तीफा प्रक्रियागत आधार पर अस्वीकार कर दिया. कर्ण सिंह की अध्यक्षतावाली आचार समिति ने भी इसे खारिज करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. अंसारी के ओएसडी गुरदीप सिंह सप्पल के मुताबिक, महासचिव राज्यसभा ने माल्या को लिखा है कि उनका त्यागपत्र प्रक्रियाओं के अनुरुप नहीं है और इस पर वास्तविक हस्ताक्षर नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को हुई आचार समिति की बैठक में माल्या को राज्यसभा से निकालने की सिफारिश की गयी. यदि सिफारिश स्वीकृत हुई, तो माल्या ऐसे 15वें सांसद होंगे, जिन्हें बुरे बर्ताव के आरोप में संसद से बरखास्त किया जायेगा.
Hamid Ansari, Chairman, Rajya Sabha does not accept the resignation of Vijay Mallya.
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) May 3, 2016
SG, RS writes to Sh. Mallya that his resignation letter does not conform to prescribed procedures & does not bear signature in original.
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) May 3, 2016
As per Rule 213 of RS procedures, the resignation must be voluntary and genuine.
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) May 3, 2016
आपको बता दें कि आचार समिति की ओर से अपने निष्कासन की सिफारिश करने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद व शराब उद्योगपति विजय माल्या ने सोमवार को राज्यसभा से इस्तीफा भेजा था. वह 9,400 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहे हैं. राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में माल्या ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि उनके नाम व छवि की और अधिक मिट्टी पलीद हो. हालिया घटनाक्रम से जाहिर होता है कि मुझे न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं राज्यसभा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं. राज्यसभा की आचार समिति के अध्यक्ष करण सिंह की ओर से उन्हें लिखे गये पत्र का भी जिक्र किया.
गौरतलब है कि यह राज्यसभा में माल्या का दूसरा कार्यकाल है, जो एक जुलाई को समाप्त होने वाला था. माल्या अपने डिपोलमेंट पासपोर्ट के साथ विदेश भागे थे. पहले विदेश मंत्रालय ने ईडी की सिफ़ारिश पर माल्या का पासपोर्ट पहले ही निलंबित कर दिया है. इसके बाद माल्या का पोसपोर्ट रद्द कर दिया गया. तीन बार नोटिस के बाद भी माल्या ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए हैं.
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