इरडा ने 12 बीमा कंपनियों पर लगाया 5 करोड़ रुपये का जुर्माना
नयी दिल्ली : बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने 2012-13 में 12 बीमा कंपनियों पर करीब 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. इनमें एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ जैसी बाजार की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं. बीमा अधिनियम 1938 के विभिन्न प्रावधानों के अनुपालन में नाकामी के कारण एचडीएफसी लाइफ को 1.47 करोड़ रुपये […]
नयी दिल्ली : बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने 2012-13 में 12 बीमा कंपनियों पर करीब 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. इनमें एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ जैसी बाजार की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं. बीमा अधिनियम 1938 के विभिन्न प्रावधानों के अनुपालन में नाकामी के कारण एचडीएफसी लाइफ को 1.47 करोड़ रुपये जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ को 1.18 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ा.
बीमा नियामक ने पीएनबी मेटलाइफ पर विभिन्न मानदंडों के उल्लंघन के मद्देनजर 76 लाख रुपये का दंड लगाया. टाटा एआईए को 2012-13 के दौरान 49 लाख रुपये का जुर्माना अदा करना पड़ा. इरडा ने 2012-13 की सालाना रपट में कहा कि नियामकीय मानदंडों के उल्लंघन के लिए कुल मिलाकर 10 जीवन बीमा कंपनियों और दो गैर-जीवन बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया.दस्तावेज में कहा गया कि बीमा कंपनियों पर मौद्रिक दंड लगाने के अलावा विभिन्न मध्यस्थों पर भी दंडात्मक कार्रवाई की गई. सालाना रपट में यह भी कहा गया कि भारत में 2009-10 तक बीमा प्रसार में बढ़ोतरी हुई जबकि 2010-11 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के मुकाबले जीवन बीमा प्रीमियम में गिरावट के मद्देनजर बीमा प्रसार की प्रक्रिया धीमी हुई.
बीमा क्षेत्र को उदार बनाए जाने के पहले दशक में इस क्षेत्र का प्रसार 2009 में बढ़कर 5.20 प्रतिशत हो गया जो 2001 में 2.71 प्रतिशत था. हालांकि उसके बाद से बीमा प्रसार का स्तर घटा और 2012 में यह 3.96 प्रतिशत रह गया.
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