औद्योगिक उत्पादन की चाल पडी धीमी, मार्च में 0.1 प्रतिशत, पूरे साल में 2.4 प्रतिशत रही वृद्धि
नयी दिल्ली: औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर मार्च में कम होकर 0.1 प्रतिशत रह गयी. इससे औद्योगिक उत्पादन में सुधार की उम्मीदों को झटका लगा है. विनिर्माण और खनन क्षेत्र के खराब प्रदर्शन तथा पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर धीमी पड गई. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकडों […]
नयी दिल्ली: औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर मार्च में कम होकर 0.1 प्रतिशत रह गयी. इससे औद्योगिक उत्पादन में सुधार की उम्मीदों को झटका लगा है. विनिर्माण और खनन क्षेत्र के खराब प्रदर्शन तथा पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में गिरावट से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर धीमी पड गई. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकडों के अनुसार पिछले साल मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रही थी जबकि इस साल फरवरी में यह 2 प्रतिशत बढा था.
पूरे वित्त वर्ष 2015-16 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 2.4 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.8 प्रतिशत थी. औद्योगिक उत्पादन में 75 प्रतिशत का भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन मार्च में 1.2 प्रतिशत घटा है, जबकि पिछले साल मार्च में यह 2.7 प्रतिशत बढा था। वर्ष 2015-16 में विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहा है. इसकी वृद्धि दर मात्र दो प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.3 प्रतिशत थी. मार्च में खनन क्षेत्र के उत्पादन में भी 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 1.2 प्रतिशत बढा था. वित्त वर्ष 2015-16 में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 1.1 प्रतिशत रही थी. हालांकि, बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन शानदार रहा और यह मार्च में 11.3 प्रतिशत बढा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसकी वृद्धि दर 2 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष के दौरान बिजली क्षेत्र का उत्पादन 5.6 प्रतिशत बढा, जबकि 2014-15 में यह 8.4 प्रतिशत रहा था.
निवेश का संकेतक माने जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन मार्च में 15.4 प्रतिशत घट गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 9.1 प्रतिशत बढा था. पूरे वित्त वर्ष के दौरान इस क्षेत्र का उत्पादन 2.9 प्रतिशत घट गया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.3 प्रतिशत बढा था. मार्च, 2016 में विनिर्माण क्षेत्र के 22 में से 12 उद्योग समूहों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. उपभोक्ता सामान क्षेत्र का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा. मार्च में इस क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र 0.4 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 0.6 प्रतिशत घटा था. वित्त वर्ष के दौरान इस क्षेत्र का उत्पादन 3 प्रतिशत बढा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 3.5 प्रतिशत घटा था.
हालांकि, टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा. मार्च में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 4.6 प्रतिशत घटा था. समूचे वित्त वर्ष के दौरान इस क्षेत्र का उत्पादन 11.2 प्रतिशत बढा जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 12.6 प्रतिशत घटा था. वहीं उपभोक्ता गैर टिकाउ सामान क्षेत्र का उत्पादन मार्च में 4.4 प्रतिशत घटा, जबकि मार्च, 2015 में यह 1.9 प्रतिशत बढा था। समीक्षाधीन वित्त वर्ष में इस क्षेत्र का उत्पादन 1.7 प्रतिशत घटा, जबकि 2014-15 में यह 2.8 प्रतिशत बढा था. मध्यवर्ती सामान क्षेत्र का उत्पादन मार्च में 3.7 प्रतिशत बढा, जबकि इससे पिछले साल इसी महीने में यह 2.8 प्रतिशत बढा था. मार्च में प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में भी 4 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज हुई. एक साल पहले समान महीने में यह 2.6 प्रतिशत बढा था.
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