बढ़ता जा रहा है सरकारी बैंकों का कर्ज, पांच PSU बैंकों का घाटा बढ़कर 6751 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली: बैंक ऑफ बड़ौदा सहित सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों को मार्च 2016 में समाप्त चौथी तिमाही के दौरान कुल मिलाकर 6,751 करोड रुपये का घाटा हुआ है. इन बैंकों का फंसा कर्ज बढने की वजह से यह स्थिति बनी है. सार्वजनिक क्षेत्र के जिन अन्य बैंकों को चौथी तिमाही में घाटा हुआ है […]
नयी दिल्ली: बैंक ऑफ बड़ौदा सहित सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों को मार्च 2016 में समाप्त चौथी तिमाही के दौरान कुल मिलाकर 6,751 करोड रुपये का घाटा हुआ है. इन बैंकों का फंसा कर्ज बढने की वजह से यह स्थिति बनी है. सार्वजनिक क्षेत्र के जिन अन्य बैंकों को चौथी तिमाही में घाटा हुआ है उनमें यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक व देना बैंक शामिल है.
आंकडों के अनुसार इनमें कुछ के मामले में गैर-निष्पादित आस्तियां यानी एनपीए का स्तर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय सहनशीलता के स्तर से उपर चला गया है. इसे देखते हुये इन बैंकों में तुरंत सुधारात्मक कदम उठाये जा सकते हैं. रिजर्व बैंक के निर्देश के अनुसार एनपीए के 10 प्रतिशत की सीमा पार करने के साथ ही तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता होगी. बैंक ऑफ बडौदा को ही अकेले मार्च तिमाही में 3,230.14 करोड रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जो कि भारतीय बैंकिंग इतिहास में दूसरा सबसे बडा त्रैमासिक घाटा है. इससे पहले दिसंबर तिमाही में भी बैंक को 3,342.04 करोड रुपयेका सर्वाधिक शुद्ध घाटा हुआ था.
बैंक का कहना है कि फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान किए जाने के कारण आलोच्य तिमाही में उसे इतना बडा घाटा हुआ. हालांकि इस दौरान बैंक की कुल आय बढकर 12,789 करोड रुपये हो गयी. इसी तरह वित्त वर्ष 2015-16 में बैंक को 5067 करोड रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि एक साल पहले उसने 3,911.73 करोड रुपये का मुनाफा कमाया था. बैंक ऑफ बडौदा का एनपीए अनुपात चौथी तिमाही में बढकर 9.99 प्रतिशत होने के बीच उसने 6,857 करोड रुपये का प्रावधान किया.
इसी तरह कोलकाता स्थित यूको बैंक को आलोच्य तिमाही में 1715.1 करोड रुपयेका घाटा हुआ जबकि गत वर्ष इसी तिमाही में उसे 209.2 करोड रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. चौथी तिमाही में बैंक का सकल एनपीए बढकर 15.43 प्रतिशत हो गया जो कि एक साल पहले इसी तिमाही में 6.76 प्रतिशत पर था. एनपीए बढने से बैंक का प्रावधान भी एक साल पहले इसी अवधि के 968.38 करोड रुपयेसे बढकर 2,344.8 करोड रुपयेहो गया.
वहीं फंसे कर्ज में वृद्धि के चलते मध्यम आकार के सेंट्रल बैंक आफ इंडिया को मार्च तिमाही में 898 करोड रुपयेका घाटा हुआ. बैंक ने एक बयान में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक ने 2014-15 में जनवरी-मार्च तिमाही में 174.2 करोड रुपयेका शुद्ध लाभ कमाया था. आलोच्य तिमाही में बैंक की कुल आय घटकर 6711.8 करोड रुपये रह गयी. इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए बढकर 7.35 प्रतिशत हो गया.
वहीं समूचे वित्त वर्ष 2015-16 के लिए बैंक को 27,826.6 करोड रुपयेकी कुल आय पर 1418.1 करोड रुपये का घाटा हुआ. आलोच्य तिमाही में इलाहाबाद बैंक व देना बैंक को क्रमश: 581.13 करोड रुपये व 326.38 करोड रुपये का घाटा हुआ. इलाहाबाद बैंक का एनपीए बढकर 9.76 प्रतिशत हो गया जो कि एक साल पहले 5.46 प्रतिशत था. देना बैंक का एनपीए भी एक साल पहले के 5.4 प्रतिशत से बढकर मार्च में समाप्त तिमाही में 9.9 प्रतिशत हो गया.
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