Budget: 1 फरवरी को पेश होगा भारत का 79वां बजट, ब्रीफकेस को छोड़ बही-खाता में बदल गया चोला

Budget 2025: अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भारत में 26 नवंबर 1947 को पहला बजट पेश किया गया था. पहला बजट तत्कालिक वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. लेकिन, आधिकारिक तौर पर भारत का पहला पूर्ण बजट 28 फरवरी 1948 को पेश किया गया था.

By KumarVishwat Sen | January 30, 2025 3:53 PM

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार 8वां और भारत का 79वां बजट पेश करेंगी, जिसमें मध्यम वर्ग को कर राहत मिलने की उम्मीद है. 2019 में निर्मला सीतारमण ने परंपरागत चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे “बही-खाता” से बदल दिया, जो औपनिवेशिक परंपराओं से अलग हटने का संकेत था. इस साल का आम बजट 2025-26 भी पिछले तीन वर्षों की तरह पेपरलेस होगा. आइए, बजट आंकड़ों के बारे में जानते हैं.

26 नवंबर 1947 को पेश हुआ था देश का पहला बजट

अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भारत में 26 नवंबर 1947 को पहला बजट पेश किया गया था. पहला बजट तत्कालिक वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. लेकिन, आधिकारिक तौर पर भारत का पहला पूर्ण बजट 28 फरवरी 1948 को पेश किया गया था. 1947 से 2016 तक संसद में संयुक्त बजट पेश किया जाता था. आम बजट आने से पहले रेल बजट पेश किया जाता था. इसके दूसरे दिन आम बजट पेश होता था. 2017 में इन दोनों को मिलाकर एक पूर्ण बजट कर दिया गया. इस हिसाब से देखेंगे 1947 से 2016 तक 73 आम बजट और 92 रेल बजट पेश किया गया था. इन दोनों को मिला देने पर 165 बजट पेश किया गया. इसमें 2017 से 2025 तक पेश होने वाले 9 बजट को जोड़ देंगे, तो कुल 174 बजट होगा.

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बजट 2025-26 की मुख्य बातें

  • राजकोषीय घाटा: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यह जीडीपी का 4.9% अनुमानित था1 वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इस आंकड़े पर बाजार की नजर रहेगी.
  • पूंजीगत व्यय: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने 11.1 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय नियोजित किया था. लोकसभा चुनावों के कारण सरकारी खर्च में देरी हुई, जिससे अंतिम आंकड़े कम रहने की संभावना है. वित्त वर्ष 2025-26 में भी पूंजीगत व्यय को गति देने की उम्मीद है.
  • ऋण की स्थिति: 2024 में भारत का कुल सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85% था, जिसमें से केंद्र सरकार का ऋण 57% था. इस बार ऋण समेकन नीति पर बाजार की नजर रहेगी.
  • सरकारी उधारी: सरकार का सकल उधार लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 14.01 लाख करोड़ रुपये था. यह उधारी राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए ली जाती है. वित्त वर्ष 2025-26 में उधारी के आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे.
  • कर राजस्व: वित्त वर्ष 2024-25 में 38.40 लाख करोड़ रुपये का सकल कर राजस्व अनुमानित था, जो पिछले वित्त वर्ष से 11.72% अधिक था. इसमें प्रत्यक्ष कर 22.07 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर 16.33 लाख करोड़ रुपये शामिल थे.
  • जीएसटी संग्रह: वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी संग्रह 11% बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान था. हालांकि, पिछले तीन महीनों में जीएसटी संग्रह की वृद्धि धीमी रही, जिससे वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित अनुमान पर नजर रहेगी.
  • जीडीपी वृद्धि: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि 10.5% और वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.4% रहने का अनुमान है.
  • विनिवेश और आरबीआई लाभांश: सरकार को आरबीआई, वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक उपक्रमों से मिलने वाले लाभांश एवं विनिवेश से होने वाली आय पर भी बाजार की नजर रहेगी.

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