7th pay commission : महंगाई राहत (डीआर) की पिछली तीन राहत किस्त जारी करने से केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है जिससे लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. जी हां…पेंशनभोगियों ने तत्काल राहत कार्य के लिए सरकार के व्यय नियंत्रण उपायों के हिस्से के रूप में कोरोना महामारी के चरम दिनों के दौरान वापस रखी गयी महंगाई राहत (डीआर) की तीन किस्तों को जारी करने के अनुरोध किया था जिसे वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ठुकरा दिया.
इस संबंध में अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है. इस बात की जानकारी रखने वाले दो लोगों के हवाले से ये खबर दी गई है. इन्होंने बताया है कि अनुमान है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीआर (पेंशनभोगियों के लिए) और महंगाई भत्ता (डीए) की कुल राशि लगभग 34,000 करोड़ रुपये है. खबरों की मानें तो पेंशन नियमों की समीक्षा के लिए स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति की 32वीं बैठक में व्यय विभाग (डीओई) के एक प्रतिनिधि ने स्पष्ट करने का काम किया कि पिछले डीए और डीआर की राशि को जारी नहीं की जाएगी. बताया जा रहा है कि डीओई जो है वो केंद्रीय वित्त मंत्रालय की एक शाखा है. सोमवार को हुई इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय पेंशनभोगी कल्याण मंत्री जितेंद्र सिंह ने की थी.
वित्त मंत्रालय और डीओई को इस बाबत मेल भी किया गया था जिसका जवाब नहीं दिया गया. 21 जुलाई को प्रतिबंध (फ्रीज) हटाए जाने के बाद डीए और डीआर भत्तों में तीन वृद्धि देखी गई है जो प्रभावी रूप से उन्हें दोगुना करने का काम करती है. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी इस संबंध में बात की. उन्होंने कहा कि पेंशन विभाग पेंशनभोगियों के कल्याण की देखभाल करता है और कई स्तरों पर उनकी शिकायतों का त्वरित तरीके से समाधान करने का प्रयास करता है. लेकिन डीए और डीआर का वितरण मंत्रालय के दायरे के अंतर्गत नहीं आता है.
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यहां चर्चा कर दें कि कोरोना महामारी के भारत में दस्तक देने के एक महीने बाद सरकार ने अप्रैल 2020 से डीए और डीआर को फ्रीज कर दिया था. खबर में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए और पेंशनभोगियों को डीआर की 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 को देय तीन किस्तें जमी हुई हैं.
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