7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों का इंतजार खत्म! महंगाई भत्ता एरियर पर आया बड़ा अपडेट, तुरंत जानें

7th Pay Commission: बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता कर्मचारियों को 01 जुलाई 2023 से प्राप्त होगा. सरकार की तरफ से बीते महीने के आखिरी तारीख को महंगाई से जुड़े आकड़े जारी किये गए हैं.

By Madhuresh Narayan | October 4, 2023 9:02 AM

7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की त्योहारी सीजन में महंगाई भत्ता (DA Hike) मिलने का इंतजार खत्म हो सकता है. केंद्र सरकार की तरफ से अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी है. मगर, सूत्रों के अनुसार, सरकार कर्मचारियों को दुर्गा पूजा से दीवाली के बीच में डीए दे सकती है. बताया जा रहा है कि इस बार कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में करीब 4 प्रतिशत का इजाफा होने वाला है. बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता कर्मचारियों को 01 जुलाई 2023 से प्राप्त होगा. सरकार की तरफ से बीते महीने के आखिरी तारीख को महंगाई से जुड़े आकड़े जारी किये गए हैं. ऐसे में समझा जा रहा है कि डीए में हाईक जबरदस्त होने वाली है. अगर केंद्रीय कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल जाता है तो डीए 42 प्रतिशत से 46 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा. इससे पहले जुलाई में AICPI इंडेक्स के नंबर्स में 3.3 अंक का बड़ा उछाल आया था. इसके बाद से 3.3 प्रतिशत डीए हाइक की उम्मीद जा रही थी. मगर, अब बढ़े महंगाई से चार प्रतिशत डीए मिलने की आस की जा रही है.

एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों-पेंशनर्स को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार के द्वारा त्योहारों में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने से इसका लाभ करीब एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा. वर्तमान में 47.58 लाख केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 69.76 लाख पेंशनर्स है. हालांकि, डीए को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. कर्मचारियों की मांग को देखते हुए समझा जा रहा है कि दिवाली तक महंगाई भत्ता बढ़ सकता है.

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क्या होता है महंगाई भत्ता

महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) एक प्रकार का भत्ता है जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई के हिसाब से उनके वेतन या पेंशन में वृद्धि के रूप में दिया जाता है. यह उद्देश्य रखता है कि जब महंगाई बढ़ती है, तो उनकी आर्थिक स्थितियों को सुधारने के लिए उनके वेतन या पेंशन में वृद्धि की जाए. इसका उद्देश्य यह है कि लोग न केवल आधारिक वेतन से जुड़े हों, बल्कि उनकी आय उनकी आर्थिक जरूरतों और महंगाई के साथ समायोजित हो. महंगाई भत्ता का मूल आधार एक विशेष तरह की जीवनन्यायिकता है जिसे “Cost of Living” कहा जाता है. इसका मूल उद्देश्य यह है कि व्यक्ति उसकी व्यक्तिगत आय के आधार पर अपने जीवनयापन की लागत को सही तरीके से संतुलित कर सके. सरकारें समय-समय पर महंगाई भत्ता में सुधार करती हैं ताकि वेतन और पेंशन तंत्र का उपयोग व्यक्तियों के उचित जीवन यापन की लागत को सहेजने में मदद कर सके.

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AICPI Index क्या होता है

AICPI इंडेक्स का पूरा नाम (All India Consumer Price Index) है. यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचक है जो भारत में महसूस की जानेवाली महंगाई का माप करने के लिए प्रयुक्त होता है. यह इंडेक्स भारत सरकार के कार्यक्षेत्री और वित्तीय सेवाओं के लिए महसूस की जानेवाली महंगाई से जुड़ा है और उपभोक्ताओं के खर्च को विभिन्न वस्त्र, खाद्य, निवारक और औषधि आदि की मदद से मापता है. AICPI इंडेक्स की विशेषता यह है कि यह वाणिज्यिक और गरीब वर्ग के उपभोक्ताओं के खर्चों को महसूस करता है और उनके आधार पर महंगाई की मात्रा को निर्धारित करता है. इन इंडेक्सेस के आधार पर भारत सरकार विभिन्न वेतनमानों, भत्तों और पेंशनों को समीक्षा और अनुकूलित करती है. यह इंडेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था में महंगाई की परिस्थितियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है और सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की योजना बनाने में भी मदद करता है.

भारत सरकार आमतौर पर दो प्रमुख AICPI इंडेक्स जारी करती है:

  • गर्मी ऋतु के लिए AICPI (IW): जो अप्रैल से सितम्बर तक की महसूस की जानेवाली महंगाई को मापता है.

  • सर्दी ऋतु के लिए AICPI (IW): जो अक्टूबर से मार्च तक की महसूस की जानेवाली महंगाई को मापता है.

AICPI Index से महंगाई भत्ता कैसे मिलता है

AICPI इंडेक्स से महंगाई भत्ता मिलता है. भारत सरकार के कर्मचारियों को उनके वेतन में महंगाई के अनुसार सुधार करने के लिए इस्तेमाल होता है. यह एक प्रकार का भत्ता है जो कर्मचारियों को उनके वेतन के विशिष्ट हिस्से रूप में मिलता है. इस विधि से, महंगाई भत्ता एक तरह की वेतन वृद्धि के रूप में कर्मचारियों को दिया जाता है ताकि वे वेतन के साथ साथ महंगाई की वृद्धि से भी सामंजस्यप्त न हों.

कुछ मुख्य चरण हैं जिन्हें पारित किया जाता है:

  • इंडेक्स की तैयारी: AICPI इंडेक्स तैयार किया जाता है, जो विभिन्न वस्त्र, खाद्य, निवारक, औषधि, और अन्य उपयोगित वस्तुओं और सेवाओं के महसूस खर्चों को मापता है. यह खर्च विभिन्न जनसंख्या वर्गों के लोगों के द्वारा किये जाते हैं.

  • महंगाई भत्ता की गणना: भत्ता की गणना AICPI इंडेक्स के आधार पर की जाती है. यदि इंडेक्स बढ़ता है, तो महंगाई भत्ता बढ़ता है और यदि इंडेक्स कम होता है, तो भत्ता भी कम होता है.

  • सरकारी निर्णय: सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों और विधियों के आधार पर, महंगाई भत्ते का निर्धारण किया जाता है.

  • वेतन में शामिल करना: महंगाई भत्ता वेतन में शामिल किया जाता है और इसे कर्मचारियों को उनके वेतन के अलावा अधिशेष राशि के रूप में दिया जाता है.

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