7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मियों को मिलेगा दिवाली से पहले DA Hike? जानिए महंगाई भत्ता पर ताजा अपडेट

7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में साल में दो बार संधोधन होता है. इससे पहले कर्मचारियों का डीए 24 मार्च चार प्रतिशत बढ़ाया था. ये एक जनवरी 2023 से प्र‍भावी हुआ था. इससे पहले कर्मचारियों को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता था.

By Madhuresh Narayan | September 25, 2023 2:56 PM

7th Pay Commission: केंद्र सरकार, सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दे सकती है. बताया जा रहा है कि त्योहारी मौसम में सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा (DA Hike) करने का प्लान बना रही है. वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को करीब 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है. इसमें करीब तीन प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. इसके बाद, कर्मचारियों को 45 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा. ऐसे में कर्मचारियों के वेतन में तीन प्रतिशत की सीधी वृद्धि हो सकती है. बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में साल में दो बार संधोधन होता है. इससे पहले कर्मचारियों का डीए 24 मार्च चार प्रतिशत बढ़ाया था. ये एक जनवरी 2023 से प्र‍भावी हुआ था. इससे पहले कर्मचारियों को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता था. मगर, चार प्रतिशत की वृद्धि के बाद महंगाई भत्ता 42 फीसदी हो गया. इस बार भी कर्मचारी चार फीसदी की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. हालांकि, उम्मीद केवल तीन प्रतिशत वृद्धि की है. सरकार के द्वारा जब भी डीए बढ़ाया जाएगा, वो 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होगा.

कैसे तय होता है कर्मचारियों का डीए

केंद्रीय कर्मचारियों का डीए तय करने के लिए महंगाई दर (Inflation Rate) को देखा जाता है. महंगाई जितनी होती है. उतनी ही केंद्रीय कर्मचारियों के डीए की बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जाती है. साल में दो बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तय किया जाता है. एक बार एक जनवरी को दूसरी बार एक जुलाई को. सीपीआई-आईडब्ल्यू के आंकड़ों के आधार पर डीए का मानक बनाया जाता है. इसके अलावा इसकी गणना के लिए इन्हें देखा जाता है.

  • महंगाई भत्ता समिति (MPC): महंगाई भत्ता को तय करने के लिए एक समिति या कमीशन बनाया जाता है जिसे ‘महंगाई भत्ता समिति’ या ‘महंगाई भत्ता कमीशन’ कहते हैं. इस समिति का उद्देश्य बाजार में महंगाई दरों को निर्धारित करना होता है.

  • महंगाई सूची: महंगाई भत्ता समिति या कमीशन द्वारा एक महंगाई सूची तैयार की जाती है. इस सूची में विभिन्न वस्त्रों, खाद्य आदि की महंगाई के मानों को निर्धारित किया जाता है.

  • महंगाई दरों की समीक्षा: महंगाई भत्ता समिति नियमित अंतराल पर देशभर में बाजार महसूस करती है और महंगाई दरों को समीक्षा करती है.

  • सिफारिश और सुझाव: समिति अधिवेशनों और विभिन्न स्तरों पर विभागों, व्यापारियों, और अन्य संगठनों से सुझाव और सिफारिशें सुनती है.

  • महंगाई दरों का अनुसरण: आधारित विभिन्न प्राप्तियों को देखते हुए, समिति महंगाई भत्ता के मानों को अनुकूलित कर सकती है.

  • सरकारी अनुमोदन और प्रकाशन: समिति द्वारा सुझावित महंगाई भत्ता को सरकार द्वारा अनुमोदित करने के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाता है.

  • व्यापारियों और उपभोक्ताओं को नयी महंगाई भत्ता के अनुसार वस्त्र और सेवाओं की मूल्य निर्धारित करने में मदद मिलती है.

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एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों-पेंशनर्स को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार के द्वारा त्योहारों में कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने से इसका लाभ करीब एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा. वर्तमान में 47.58 लाख केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 69.76 लाख पेंशनर्स है. हालांकि, डीए को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. कर्मचारियों की मांग को देखते हुए समझा जा रहा है कि दिवाली तक महंगाई भत्ता बढ़ सकता है.

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क्या होता है महंगाई भत्ता

महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) एक भत्ता है जो कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके मूल वेतन के ऊपर भुगतान किया जाता है. यह भत्ता मूल्य जीवन में महंगाई दर के बदलने के अनुसार नियमित अंतरालों पर बदलता है. महंगाई भत्ता भारतीय सरकार द्वारा अनुसूचित श्रमिकों, सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों, और केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन में लागू किया जाता है. यह भत्ता समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और एक स्थिर भत्ते के रूप में नहीं, बल्कि महंगाई दर के आधार पर प्रतिशत से बदलता है. जब महंगाई बढ़ती है, तो महंगाई भत्ता भी बढ़ जाता है, जिससे कर्मचारियों को उचित वेतन का लाभ मिलता है. महंगाई भत्ता का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनरों की कमाई को महंगाई दरों के साथ अद्यतित रखना है ताकि उन्हें अनुशासित जीवन जीने में सहायता मिले और जीवन की बढ़ती हुई लागतों को संतुलित कर सकें. महंगाई भत्ता भारत में सरकारी सेक्टर में रहने वाले कर्मचारियों के लिए एक आवश्यक वेतन भत्ता है जो उनके आर्थिक संबलता में मदद करता है.

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