7th Pay Commission latest news: केंद्र सरकार के कर्मचारियों का लंबा इंतजार खत्म होने वाला है. उनके वेतन (7th Pay Commission) में बड़ा इजाफा होने वाला है. महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी बढ़ जायेगा. कुल मिलाकर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन (Salary Hike) में 90 हजार रुपये तक की वृद्धि हो जायेगी. इसका लाभ उन्हें होली में मिल सकता है. यानी मार्च में ही सैलरी में बंपर हाइक होने वाली है.
केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स को इससे फायदा होगा. सरकारी कर्मचारियों (Central government employees) की सैलरी में बड़ा इजाफा हो जायेगा, तो पेंशनभोगियों (Pensioners) की पेंशन में भी इजाफा होगा. बताया जा रहा है कि मार्च के महीने में नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि (DA Hike) का ऐलान कर सकती है.
सूत्रों का कहना है कि जनवरी 2022 के लिए सरकार महंगाई भत्ता का ऐलान करेगी, जिसमें 3 फीसदी डीए बढ़ना तय है. दिसंबर 2021 के AICPI आंकड़े हाल ही में जारी हुए हैं. इसके बाद स्पष्ट हो गया है कि महंगाई भत्ता में 3 फीसदी की वद्धि होगी. यानी अब कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो जायेगा. इसका असर उनकी सैलरी पर भी पड़ेगा. यानी सैलरी भी बढ़ जायेगी.
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बताया जा रहा है कि महंगाई भत्ता में वृद्धि का फायदा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को होली के आसपास मिलने लगेगा. श्रम मंत्रालय (Labor Ministry) के मुताबिक, दिसंबर 2021 में औद्योगिक महंगाई सूचकांक All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AI CPI-IW) में वृद्धि हुई है. इससे यह बढ़कर 125.4 पर पहुंच चुका है. इसलिए कर्मचारियों का DA 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी होना तय है.
कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए सभी सरकारें अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता यानी डियरनेस अलाउंस (Dearness allowance) देती है. यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को मिलता है. आमतौर पर 6 महीने में एक बार डीए को रिवाइज किया जाता है. जनवरी और जुलाई के महीने में Dearness Allowance में बदलाव किया जाता है.
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महंगाई भत्ता देने की शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के समय हुई थी. तब सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए तनख्वाह से अलग यह पैसा मिलता था. उन दिनों इस भत्ते का नाम खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस (Dearness food allowance) था. भारत में सबसे पहले वर्ष 1972 में मुंबई में महंगाई भत्ता देने की शुरुआत हुई. इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देना शुरू किया.
कर्मचारियों के वेतन के आधार पर उन्हें महंगाई भत्ता (Dearness allowance) दिया जाता है. शहरी, अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता अलग-अलग होता है. इसकी गणना मूल वेतन पर होती है. महंगाई भत्ता की गणना के लिए एक फार्मूला है, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index या CPI) से जुड़ा है.
केंद्र सरकार अगर अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में 3 फीसदी की वृद्धि करती है, तो कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी. यदि कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये है, तो उसकी तनख्वाह 900 रुपये प्रति माह बढ़ जायेगी. इस तरह साल में उसे 10,800 रुपये का फायदा होगा. कैबिनेट सेक्रेटरी रैंक के अफसरों की सैलरी में 7,500 रुपये का इजाफा हो जायेगा. अधिकतम बेसिक सैलरी 2.5 लाख रुपये है. ऐसे लोगों को साल में 90 हजार रुपये का फायदा सिर्फ डीए बढ़ने से हो जायेगा.
Posted By: Mithilesh Jha
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