7th Pay Commission 7th cpc latest news today 2020 : वेतन बढ़ोतरी के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को 10 साल तक इंतजार करना नहीं पड़ेगा. अब प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की तर्ज पर अब सरकारी कर्मियों के वेतन में भी बढ़कर पैसा मिलेगा. दरअसल, 7वें वेतन आयोग के बाद अब देश में केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तनख्वाह में बढ़ोतरी के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं किया जाएगा. केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए फरवरी 2014 में गठित 7वें वेतन आयोग की सिफारिश 1 जनवरी 2016 से पूरे देश में लागू है. अब ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि यदि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं करेगी, तो फिर इन केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का फॉर्मूला क्या होगा?
बता दें कि अब केंद्रीय कर्मचारियों को को वेतन बढ़ोतरी के लिए 10 साल या उससे ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना होगा. सरकार प्राइवेट सेक्टर की तर्ज पर केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन हर साल बढ़ोतरी कर सकती है. इसके लिए सरकार की ओर से समिति का गठन कर बकायदा एक पैरामीटर तैयार किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि सरकार सबसे पहले एक महंगाई बास्केट बनाएगी. इसमें खाद्य वस्तुओं से लेकर हर चीज से संबधित महंगाई दर की लिस्ट तैयार की जाएगी और इस लिस्ट के आधार पर ही कर्मचारियों की तनख्वाह में इजाफा किया जाएगा.
प्राइवेट सेक्टर की तर्ज पर सरकार केंद्रीय कर्मचारियों वेतन में बढ़ोतरी के लिए वेतन आयोग को गठित करने के बजाए सरकार एक विशेष प्रकार के फॉर्मूले को अपना सकती है. इस फॉर्मूले की रूपरेखा वर्ष 2017 में ही तैयार कर लिया गया था. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण एकरॉयड (Aykroyd) फॉर्मूले के आधार पर वेतन में बढ़ोतरी कर सकती है. इस फॉर्मूले के तहत केंद्रीय कर्मचारियों वेतन में महंगाई दर के हिसाब से हर साल वृद्धि की जा सकती है.
दरअसल, यह फॉर्मूला वॉलेस रुडेल एकरॉयड ने तैयार किया था. उनका कहना था कि भोजन और कपड़ा आम आदमी की बुनियादी जरूरत है और इनकी कीमतों में बढ़ोतरी के अनुपात में ही कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोतरी होनी चाहिए. 7वें वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एके माथुर ने अपनी सिफारिश में इस बात का जिक्र किया है कि हमने वेतनमान को एकरॉयड फॉर्मूले के तहत तय करने की कोशिश की है, जिसमें लिविंग कॉस्ट को ध्यान में रखा गया है. इसमें उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार को हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन कर वेतन बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए. यही वजह है कि सरकार अब इस फॉर्मूले पर विचार कर रही है.
केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए सरकार ने 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया था. पूर्व की यूपीए सरकार के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी 2014 को 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की रूपरेखा को मंजूरी दी. इस संबंध में वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं को ध्यान में रखकर रूपरेखा तैयार की गयी थी. इसमें औद्योगिक और गैर-औद्योगिक केंद्रीय कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मी, केंद्रशासित प्रदेशों के कर्मी, भारतीय लेखा एवं परीक्षण विभाग के अधिकारी एवं कर्मी, रिजर्व बैंक को छोड़कर संसद अधिनियम के तहत गठित नियामक संस्थाओं के सदस्यों तथा सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को को शामिल किया गया था. 7वें वेतन आयोग की ताज़ा ख़बर से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
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Posted By : Vishwat Sen
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