22-23 मई को नरेंद्र मोदी ईरान में, आर्थिक संबंधों की मजबूती केंद्र में

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 मई को ईरान यात्रा पर जाएंगे. उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब कि खनिजी तेल और गैस से सम्पन्न ईरान पर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और भारत उसके साथ संबंध बढाना चाहता है. भारत वहां से कच्चे तेल का आयात दोगुना करने और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2016 6:21 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 मई को ईरान यात्रा पर जाएंगे. उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब कि खनिजी तेल और गैस से सम्पन्न ईरान पर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटा लिए गए हैं और भारत उसके साथ संबंध बढाना चाहता है. भारत वहां से कच्चे तेल का आयात दोगुना करने और वहां की गैस परियोजनाओं में हिस्सेदारी लेने पर विचार कर रहा है. कुछ साल पहले तक ईरान भारत को कच्चा तेल देने वाला दूसरा सबसे बडा स्रोत था.

दोनों देशों के बीच ईरान के रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह विकसित करने का सौदा भी होने वाला है. इस यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इस्लामिक गण-राज्य ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रुहानी के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 मई, 2016 को ईरान की आधिकारिक यात्रा पर होंगे.’ मोदी ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई से भी मिलेंगे. वह राष्ट्रपति रुहानी के साथ आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करेंगे.

प्रतिबंध हटने के बाद ईरान में कूटनीतिक और कारोबारियों गतिविधियां में तेजी दिख रही है. चीन से लेकर रूस तक के नेता ईरान के साथ अपने देश की नजदीकी बढाने में लगे हैं. मोदी की यात्रा से पहले सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ईरान की यात्रा की थी. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा है, ‘भारत और ईरान के बीच लंबा सभ्यतागत संबंध है.

ईरान भारत के पडोस में है और दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों के बीच अंतरसंबंध है.’ विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री की ईरान यात्रा के दौरान इन अंतरसंबंधों को मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय संपर्क तथा बुनियादी ढांचा विकास, उर्जा क्षेत्र में भागीदारी, द्विपक्षीय व्यापार प्रोत्साहन, विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों की जनता के बीच परस्पर संपर्क बढाने के लिए सहयोग को प्रोत्साहन देने और इस क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता को बढावा देने पर ध्यान केंद्रित होगा.’

मंत्रालय ने कहा है कि इस यात्रा में परस्पर सयोग के विस्तार और इस साल ईरान के खिलाफ प्रतिबंध हटाए जाने के बाद उत्पन्न नये अवसरों का पारस्परिक लाभ उठाने पर जोर होगा.

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