भारत का कारोबार सुगमता में शीर्ष 30 देशों में शामिल होने का लक्ष्य : कांत

नयी दिल्ली: भारत को कारोबार सुगमता में अगले 3-4 साल में दुनिया के शीर्ष 30 देशों में स्थान दिलाने के अपने प्रयास के तहत सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार और नवोन्मेष पर ध्यान दे रही है. यह बात आज नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कही. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2016 6:16 PM

नयी दिल्ली: भारत को कारोबार सुगमता में अगले 3-4 साल में दुनिया के शीर्ष 30 देशों में स्थान दिलाने के अपने प्रयास के तहत सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार और नवोन्मेष पर ध्यान दे रही है. यह बात आज नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कही.

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइमा) के एक समारोह में कांत ने कहा कि नवोन्मेष के लिए माहौल बेहतर होना शुरू हुआ है और लोग देख रहे हैं कि युवा नया कारोबार शुरू करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य है कि भारत कारोबार करने के लिहाज से बेहतर सुगम और सामान्य स्थान होना चाहिए. मौजूदा सरकार भारत को कारोबार के लिहाज से सुगम स्थान बनाने को प्रतिबद्ध है.’

कांत ने कहा कि भारत कारोबार सुगमता में 12 पायदान ऊपर आया है. सरकार ने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं जिनमें दिवालिया कानून, ई-कारोबार मंच को मंजूरी के लिए एक व्यवस्था के तहत लाना शामिल है. साथ ही राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण भी बनाया जा रहा है. विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रपट 2016 के मुताबिक भारत कारोबार सुगमता के लिहाज से 189 में 130वें स्थान पर रहा.
कांत ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विस्तार और संपर्क सुविधा बढाने पर ध्यान दे रही है. उन्होंने आईएएमएआई की रपट भी जारी की जिसमें भारत के लिए वैश्विक डाटा सेंटर बाजार में प्रमुख भूमिका के अवसर को रेखांकित किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘देश में डाटा सेंटर स्थापित करने का फैसला अनिवार्य नहीं किया जा सकता और यह माहौल के लिए अनुकूल नहीं होगा। डाटा सेंटर के लिए अनुकूल नीति और नियम बनाने के लिए हमें उद्योग और आईएएमएआई जैसी संस्थाओं के साथ भागीदारी में काम करना होगा.’
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और ऊर्जा जैसे विभागों के साथ बातचीत शुरू होगी ताकि डाटा सेंटर के लिए सबसे अच्छा बुनियादी ढांचा तैयार किया जा सके. खबर के मुताबिक भारत का डाटा सेंटर बुनियादी ढांचा बाजार 2020 तक करीब सात अरब डॉलर होने का अनुमान है जो फिलहाल 2.2 अरब डॉलर है. इससे भारत 2020 तक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डाटा सेंटर बुनियादी ढांच क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा.

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