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जापान में बोले जेटली, भारत में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध अस्थायी

टोक्यो : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में नए बडे डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध को कम कर आंकते हुए कहा कि यहअस्थायीचरण है और भारत इतना बडा बाजार है कि इसका वाहन कंपनियों पर कोई विपरीत असर नहीं होगा. जेटली कल यहां निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छह दिन की यात्रा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2016 3:19 PM

टोक्यो : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में नए बडे डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध को कम कर आंकते हुए कहा कि यहअस्थायीचरण है और भारत इतना बडा बाजार है कि इसका वाहन कंपनियों पर कोई विपरीत असर नहीं होगा. जेटली कल यहां निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छह दिन की यात्रा पर आए हैं और वह कल सुजुकी मोटर के अध्यक्ष ओसामु सुजुकी से मिलेंगे.उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारतीय वाहन क्षेत्र बेहद सुकूनदेह स्थिति में है.

यह अस्थाई चरण है जो आता रहा है और मुझे नहीं लगता है कि जितना बडा बाजार सुजुकी का है, उस पर कोई असर हो सकता है.’ उनसे दिल्ली और केरल में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए 2,000 सीसी से अधिक के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध के बाद भारत में नीतिगत अनिश्चितता के बीच सुजुकी के साथ बैठक के बारे में प्रश्न पूछा गया था. जेटली ने कहा कि निवेशक और कंपनियां भारतीय बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि में भागीदारी की इच्छुक है. साफ्टबैंक समूह सौर ऊर्जा में सबसे बडे निवेशों में से एक पर विचार कर रह हैं. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने उल्लेखनीय प्रगति की है. उन्होंने स्थान की पहचान कर ली है और शायद उन क्षेत्रों यह सबसे बडे निवेशों में से एक होगा.’ जेटली ने कल यहां साफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी मासायोशी सोन से मुलाकात की.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसी तरह कुछ अन्य जापानी निवेशक हैं जो व्यक्तिगत परियोजनाएं हासिल करने के पक्ष में हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके लिए भारतीय बुनियादी ढांचा निवेश (एनआईआईएफ) से जुडने के विकल्प खुला रखा है और इस भारतीय लचीलेपन से उन्हें एक से अधिक मौके मिलेंगे.’ एनआईआईएफ की स्थापना 40,000 करोड़ रुपए की मूल राशि के साथ की गई जिसमें आंशिक वित्तपोषण निजी निवेशकों ने किया है. इस का उद्देश्य है बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषण प्रदान करना जिनमें अटकी हुई परियोजनाएं शामिल हैं.
सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की इसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी जबकि शेष हिस्सेदारी की पेशकश बहुपक्षीय विकास बैंक, सावरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड और अन्य संगठनों को की गई है. एनआईआईएफ फिर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) और बिजली वित्त निगम (पीएफसी) जैसे मौजूदा बुनियादी ढांचा रिणदाताओं में हिस्सेदारी खरीदेगी और वे चुनिंदा परियोजनाओं के लिए ऋण मुहैया कराएंगे. इसका (यात्रा) लक्ष्य है भारत की संभावनाओं पर उनके साथ चर्चा करना है.’ उन्होंने आज यहां ‘एशिया का भविष्य’ सम्मेलन में हिस्सा लिया. उन्होंने हालांकि इस सम्मेलन को संबोधित नहीं किया.
जेटली जापान के निवेशकों के साथ भारत की संभावनाओं के बारे में बात करेंगे.
एशियाकी दूसरी सबसे बड़ीअर्थव्यवस्था से निवेश आकर्षित करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनकी जापान यात्रा का लक्ष्य निवेशकों के साथ भारत की वृद्धि की संभावना के बारे में चर्चा करना है ताकि उन्हें बुनियादी ढांचा समेत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रेरित किया जा सके.
छह दिन की यात्रा पर यहां आए जेटली ने कहा, ‘‘भारत में एक हजार से अधिक जापानी कंपनियों ने पहले से ही निवेश किया हुआ है. जापान के प्रधानमंत्री (शिंजो) अबे इसे दोगुना करना चाहते हैं, इसलिए मैं निवेशकों से व्यक्तिगत तौर पर और बड़े समूहों में भी मिलूंगा.’ निवेशकों के अलावा मंत्री अबे और जापान सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे.

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