नयी दिल्ली: वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रही. इस तरह पूरे वित्त वर्ष 2015-16 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो कि पिछले पांच साल में सर्वाधिक रही है. मुख्य रुप से विनिर्माण तथा कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढने में कामयाब रही है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2016) में विनिर्माण क्षेत्र ने 9.3 प्रतिशत तथा कृषि क्षेत्र ने 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.
सीएसओ ने 2015-16 की पिछली तीनों तिमाहियों के वृद्धि दर के आंकडे भी संशोधित किये हैं. अप्रैल-जून-2015 तिमाही के लिए इसे बढाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया. इसी तरह जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए इसे 7.6 प्रतिशत तथा अक्तूबर-दिसंबर के लिए 7.2 प्रतिशत किया गया है. वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 7.6 प्रतिशत की वृद्धि का आंकडा सीएसओ के इस साल फरवरी में जारी राष्ट्रीय आय के अग्रिम अनुमान के अनुरूप ही रहा है.
सीएसओ के आंकडों के अनुसार चौथी तिमाही में खान एवं खनन क्षेत्र की वृद्धि 8.6 प्रतिशत दर्ज की गई. वहीं बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रही. वहीं निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत, व्यापार, होटल, परिवहन ओर संचार क्षेत्र की 9.9 प्रतिशत, वित्त, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की 9.1 प्रतिशत, लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही. सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की नई अवधारणा के अनुसार 2015-16 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 5.5 प्रतिशत रही थी.
हालांकि, खान एवं खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 2015-16 में घटकर 7.4 प्रतिशत रह गई, जो 2014-15 में 10.8 प्रतिशत थी. इसी तरह बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि दर 8 प्रतिशत से घटकर 6.6 प्रतिशत पर आ गयी. वित्त वर्ष के दौरान निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 3.9 प्रतिशत पर आ गयी जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 4.4 प्रतिशत थी. व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर 9 प्रतिशत रही, जो 2014-15 में 9.8 प्रतिशत रही थी.वित्त, रीयल एस्टेट ओर पेशेवर सेवाओं वृद्धि दर 10.6 से घटकर 10.3 प्रतिशत रह गई, वहीं लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं वृद्धि दर 10.7 से घटकर 6.6 प्रतिशत पर आ गयी.
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