पंद्रह वर्षीय “विजन डॉक्यूमेंट” पर नीति आयोग शुरू करेगा विचार -विमर्श
नयी दिल्ली: सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग अलगे महीने से एक 15 वर्षीय दृष्टिपत्र तैयार करने और इसे लागू करने की रणनीति पर राज्यों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श शुरू करेगा.एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज बताया कि आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबम नायडू, वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन विजय केलकर, भारतीय रिजर्व […]
नयी दिल्ली: सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग अलगे महीने से एक 15 वर्षीय दृष्टिपत्र तैयार करने और इसे लागू करने की रणनीति पर राज्यों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श शुरू करेगा.एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज बताया कि आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबम नायडू, वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन विजय केलकर, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर बिमल जालान और वाई. वी. रेड्डी इत्यादि को निमंत्रण भेजा है.
नीति आयोग को एक 15 वर्षीय दृष्टिपत्र (विजन डॉक्यूमेंट) तैयार करने का काम सौंपा गया है जो वर्ष 2017-18 से लागू होगा और नेहरु युग के छह दशक पुराने पंचवर्षीय योजना मॉडल का स्थान लेगा.इस दस्तावेज में बुनियादी ढांचा, वाणिज्य, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अलावा आंतरिक सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा जो कि मौजूदा पंचवर्षीय योजना का हिस्सा नहीं है.
अधिकारी ने बताया कि इसमें भविष्य की दृष्टि के साथ-साथ सात वर्षीय (2017-18 से 2023-24) लागू करने लायक नीतियों को भी शामिल किया जाएगा जो कि राष्ट्रीय विकास एजेंडा का हिस्सा होगा.इस कार्यक्रम की पुष्टि करते हुए आधिकारिक सूत्र ने बताया कि आयोग एक त्रिवर्षीय कार्यान्वयन दस्तावेज (2017-18 से 2019-20) को भी बनाएगा जिसे 14वें वित्त आयोग अवार्ड समयावधि में वित्तीय स्रोतों की संभावनाओं के साथ जोड़ दिया जाए.
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