कल से लागू होगा कृषि कल्याण सेस, रेल-हवाई यात्रा होगी महंगी

नयी दिल्ली:वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा इस साल के बजट में घोषित किये गये कई प्रस्ताव कल से प्रभावी हो जाएंगे जिनमें सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत कृषि उपकर तथा घरेलू कालेधन का विवरण प्रस्तुत करने के चार महीने के अवसर की योजना शामिल हैं.इसके अलावा 6.0 प्रतिशत सामान्यीकरण शुल्क भी कल से प्रभाव में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2016 10:38 PM

नयी दिल्ली:वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा इस साल के बजट में घोषित किये गये कई प्रस्ताव कल से प्रभावी हो जाएंगे जिनमें सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत कृषि उपकर तथा घरेलू कालेधन का विवरण प्रस्तुत करने के चार महीने के अवसर की योजना शामिल हैं.इसके अलावा 6.0 प्रतिशत सामान्यीकरण शुल्क भी कल से प्रभाव में आएगा. यह सीमा पार होने वाले सभी डिजिटल सौदों पर लागू होगा। साथ ही पूर्व की तिथि से कर लगाये जाने की वजह से उत्पन्न मामलों के समाधान के लिये एक बारगी कर निपटान योजना भी कल से प्रभाव में आ जाएगी.कृषि कल्याण उपकर (केकेसी) लागू होने के साथ कुल सेवा कर बढकर 15 प्रतिशत हो जाएगा. इसके साथ बाहर खाना खाना, फोन का उपयोग, हवाई तथा रेल यात्रा महंगी होगी.

देश के भीतर कालाधन रखने वालों के लिये इसकी जानकारी देने और उसपर 45 प्रतिशत कर तथा जुर्माना चुकाकर पाक साफ होकर निकलने की योजना कल से शुरु हो रही है. इस योजना की मियाद चार महीने है. हालांकि जिन लोगों ने भ्रष्ट तरीके अपनाकर ऐसी धन, संपत्ति जुटाई है उन्हें इस खुलासा सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति नहीं होगी। पिछले वर्ष सरकार ने इसी प्रकार की योजना विदेशों में कालाधन रखने वालों के लिये शुरु की थी। इसका मकसद लोगों को बेहिसाब संपत्ति के मामले में कर एवं जुर्माना अदा कर पाक-साफ होने का एक मौका देना था.सामान्यीकरण शुल्क या सामान्य बोलचाल में ‘गूगल टैक्स’ ऑनलाइलन विज्ञापनों के संदर्भ में भुगतान पर लगेगा.
एक अन्य प्रमुख बजटीय प्रस्ताव प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना कल से लागू हो जायेगी. इसके तहत विभिन्न अदालतों, न्यायाधिकरणों, पंच निर्णय में लंबित मामले या द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते (बीआईपीए) के तहत फैसले के लिये मध्यस्थता में लटके मामलों के समाधान पर जोर दिया जायेगा. योजना के तहत पूर्व की तिथि से कर लगाये जाने की वजह से उत्पन्न मामलों के समाधान के लिये एक अवसर उपलब्ध कराया गया है. इसमें कंपनियों को वांछित बकाया कर का भुगतान करने को कहा जायेगा जबकि ब्याज एवं जुर्माने से छूट दी जायेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना कर सुधार की दिशा में एक बडा कदम है और उम्मीद है कि यह वोडाफोन तथा केयर्न जैसी कंपनियों के लिये बडी राहत लाएगी। ये कंपनियां 2012 में पूर्व की तिथि से कर संशोधन के मद्देनजर अरबों डालर की कर देनदारी का सामना कर रही हैं

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