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भारत की आर्थिक वृद्धि आने वाले सालों में होगी और तेज : अरुण जेटली

तोक्यो : प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों में भारत के सबसे तेजी से बढने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि बेहतर मानसून, जीएसटी पारित होने और ढांचागत क्षेत्र सहित विभिन्न परियोजनाओं में अधिक व्यय से आने वाले सालों में आर्थिक वृद्धि और तेज आएगी. जेटली ने कहा, […]

तोक्यो : प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों में भारत के सबसे तेजी से बढने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि बेहतर मानसून, जीएसटी पारित होने और ढांचागत क्षेत्र सहित विभिन्न परियोजनाओं में अधिक व्यय से आने वाले सालों में आर्थिक वृद्धि और तेज आएगी. जेटली ने कहा, ‘दुनिया में जब सब कुछ ठीक होता है तो ज्यादातर देश अच्छी आर्थिक वृद्धि हासिल करते हैं लेकिन (भारत में) यह तब हुआ है जब पूरी दुनिया में सुस्ती छा रही थी और वैश्विक परिवेश न केवल प्रतिकूल था बल्कि कई बार यह बाधक भी रहा है. ऐसे में किसी भी अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि दर्ज करना काफी चुनौती पूर्ण रहा है.’

जेटली इन दिनों जापान की छह दिवसीय यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने यहां जापान-भारत व्यावसायिक सहयोग समिति सहित अनेक मंचों पर कारोबारियों और निवेशकों को संबोधित किया. भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के ताजा आंकडों का जिक्र करते हुये जेटली ने कहा कि वृद्धि के अनुकूल नीतियों के चलते वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 प्रतिशत की उम्मीद से ज्यादा वृद्धि हासिल हुई है. साथ ही 2015-16 वर्ष के दौरान यह 7.6 प्रतिशत रही.

प्रतिकूल वैश्विक परिवेश में ये वृद्धि उल्लेखनीय

जेटली ने कहा कि यह आंकडे कोई अकस्मात नहीं आये हैं. पिछले कुछ समय से आ रहे आंकडों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आंतरिक तौर पर मजबूती आ रही है. ओसाका के लिये रवाना होने से पहले एक सम्मेलन को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा, ‘ऐसे वैश्विक परिवेश में जो कि अनुकूल नहीं है, तब इस दर से आर्थिक वृद्धि हासिल करना अपने आप में उल्लेखनीय है.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता का भी भारत पर असर पडा है.

वैश्विक व्यापार में कमी आने साथ ही मुद्राओं में उतार चढाव से भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पडा है. इसके अलावा लगातार दो साल सूखा पडने का भी आर्थिक वृद्धि संभावनाओं पर असर रहा है. जेटली ने भारत की उच्च आर्थिक वृद्धि को लेकर विश्वास व्यक्त करते हुये कहा, ‘प्रतिकूल वैश्विक परिवेश के बावजूद मुझे पूरा विश्वास है कि अगले एक या दो साल के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि इससे और बेहतर होगी और भारत दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.’

आने वाले समय में और बढ़ेगा आर्थिक सुधार

अरुण जेटली ने कहा कि आने वाले समय में आर्थिक सुधार प्रक्रिया आगे बढेगी. उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक भी (संसद के आगामी मानसून सत्र में) पारित होगा. जीएसटी से जीडीपी वृद्धि और बढने की काफी संभावना है. इसके साथ ही ढांचागत परियोजनाओं और ग्रामीण क्षेत्र में हमारे अधिक व्यय से भी वृद्धि संभावनायें बेहतर होंगी.’ जेटली ने कहा, ‘जैसी का अनुमान लगाया जा रहा है इस साल मानसून सामान्य से बेहतर होने का मतलब है कृषि उत्पादन में वृद्धि, इससे खरीद शक्ति बढेगी और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मांग भी अच्छी होगी.’

जीडीपी के इस साल जनवरी से मार्च की 7.9 प्रतिशत वृद्धि के आंकडे इससे पिछली दिसंबर तिमाही में हासिल 7.2 प्रतिशत से बेहतर रहे हैं. इन आंकडों से भारत को चीन से आगे निकलने में मदद मिली है. चीन की वृद्धि मार्च तिमाही में 6.7 प्रतिशत रही है. यह वृद्धि दुनिया के पिछले सात साल में सबसे कम वृद्धि रही है.

राजस्व घाटा लगातार हो रहा है कम

जेटली ने कहा, ‘वैश्विक सुस्ती के इस दौर में हमारी प्रति व्यक्ति आय 7.4 प्रतिशत बढी है. हम अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने में सफल रहे हैं और इससे भी बढकर यह रहा कि राजस्व घाटा कम होकर 2.5 प्रतिशत रह गया.’ उन्होंने कहा कि बाह्य कारकों में कच्चा तेल और उपभोक्ता जिंसों के दाम भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर डालते हैं. ‘पिछले एक साल के दौरान भारत इस मामले में फायदे में रहा है. भारत चूंकि कच्चे तेल और जिंसों का विशुद्ध रूप से खरीदार है ऐसे में यदि इनके दाम मौजूदा दायरे में रहते हैं तो हम इसे खफा लेंगे लेकिन यदि इसमें अचानक कोई वृद्धि आती है तो इसका मुद्रास्फीति और बचत पर प्रभाव पडेगा.’

बाहरी निवेशकों को भारत में मिलेगा लचीलापन

जेटली ने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि जापानी निवेशक एवं कोष और अन्य एजेंसियां जो मुनाफे वाली जगह पर अपने संसाधन लगाना चाहती हैं वे भारतीय संभावनाओं पर जरुर विचार करेंगे. भारत निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य है.’ उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के अलावा विनिर्माण क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता है और यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारत की वृद्धि की संभावनाओं के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है. भारत में निवेशकों को लचीलापन मिलेगा.

उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पर जोर दिये जाने के साथ ही बुनियादी ढांचा और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यय बढने से वृद्धि आगे और तेज होगी. जेटली ने कहा, ‘भारत में दुनिया के दूसरे गंतव्यों के मुकाबले आकर्षक प्रतिफल की उम्मीद है. भारत में निवेश की व्यापक संभावनायें हैं, यहां बडी मात्रा में निवेश की जरुरत है. निवेश की यह पेशकश काफी समय तक रहेगी क्योंकि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कमी दूर करनी है.’

उन्होंने कहा कि जापानी कंपनियां आज भारत में घरेलू नाम बन गई हैं. आटोमोबाइल से लेकर घरेलू सामान और दिल्ली मेट्रो सभी काफी प्रचलित हैं. जेटली ने कहा कि भारत सरकार आर्थिक सुधारों के उस रास्ते पर तेजी से आगे बढ रही है जिसे 1991 में शुरु किया गया और लोग अब सुधार चाहते हैं और उसका समर्थन करने लगे हैं.

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