औद्योगिक उत्पादन अप्रैल में 0.8 प्रतिशत गिरा
नयीदिल्ली : पूंजी वस्तु उत्पादन तथा विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन अप्रैल माह में एक साल पहले की तुलना में 0.8 प्रतिशत घट गया. औद्योगिक उत्पादन में तीन महीने में यह पहली गिरावट है. इसके साथ ही उद्योग मंडलों ने मांग बढ़ाने के लिये सरकार से सकारात्मक उपाय करने को कहा […]
नयीदिल्ली : पूंजी वस्तु उत्पादन तथा विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन अप्रैल माह में एक साल पहले की तुलना में 0.8 प्रतिशत घट गया. औद्योगिक उत्पादन में तीन महीने में यह पहली गिरावट है. इसके साथ ही उद्योग मंडलों ने मांग बढ़ाने के लिये सरकार से सकारात्मक उपाय करने को कहा है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. औद्योगिकी उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में पिछले वर्ष अप्रैल में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी.
आंकड़ों के अनुसार पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल महीने में 24.9 प्रतिशत की गिरावट आयी. जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. पूंजीगत सामान के उत्पादन को निवेश का मापक माना जाता है.
सूचकांक में 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अप्रैल में 3.1 प्रतिशत की गिरावट आयी. जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. आईआईपी में इस वर्ष फरवरी में करीब 2.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. ताजा आंंकड़ों में मार्च की औद्योगिक वृद्धि संशोधित कर 0.3 प्रतिशत कर दी गयी है.
प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर मार्च की औद्योगिक वृद्धि 0.1 प्रतिशत बतायी गयी थी. इस साल जनवरी में आईआईपी में 1.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. उद्योग मंडल एसोचैम ने सरकार से आपूर्ति स्थिति के मामले में सक्रियता से कदम उठाने तथा उद्योग को वृद्धि की गति बनाये रखने में मदद का आह्वान किया है.
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि सरकार का निवेश को गति देना तथा विनिर्माण आधार बढ़ाने के प्रयासों में कुछ और समय लगेगा. उन्होंने कहा, निवेश में हाल-फिलहाल वृद्धि की संभावना कम है और सरकार :केंद्र तथा राज्य: 16 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ निवेश बढ़ाने को लेकर क्षमता सीमित है.
कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन आलोच्य महीने में 1.2 प्रतिशत घटा. जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसमें गिरावट मांग में कमजोरी का संकेत है.
उपभोक्ता गैर-टिकाऊ खंड में उत्पादन में इस साल अप्रैल में 9.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी. जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी. आंकड़ों के अनुसार हालांकि उपभोक्ता टिकाऊ क्षेत्र में इस वर्ष में अप्रैल में 11.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है. बिजली उत्पादन में आलोच्य महीने में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें मामूली 0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी.
खनन क्षेत्र में कुछ सुधार दिखा और इसमें इस वर्ष अप्रैल में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 0.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि सुधारों का जिस एजेंडे को मौजूदा सरकार समाधान करने की कोशिश कर रही है, वह अभी खत्म नहीं हुआ हैं. उसने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि मांग परिदृश्य समेत कई अन्य कारकों पर भी निर्भर है, ऐसे में मांग को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. कुल मिलाकर विनिर्माण क्षेत्र में 22 औद्योगिक समूह में से नौ में सालाना आधार पर अप्रैल 2016 में गिरावट दर्ज की गयी.
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