विमान यात्रियों को राहत : टिकट रद्द कराने पर अब मिलेगा ज्यादा रिफंड
नयी दिल्ली : सरकार ने आज विमान टिकट रद्द करने पर बेहद उंचा शुल्क को सीमित करने, विमान में चढ़ने से वंचित रखने पर मुआवजा पांच गुना बढ़ाकर 20,000 रुपये करने तथा अतिरिक्त सामान ले जाने पर एयरलाइनों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को घटाने जैसे कुछ कदमों का प्रस्ताव किया है. इस कदम से […]
नयी दिल्ली : सरकार ने आज विमान टिकट रद्द करने पर बेहद उंचा शुल्क को सीमित करने, विमान में चढ़ने से वंचित रखने पर मुआवजा पांच गुना बढ़ाकर 20,000 रुपये करने तथा अतिरिक्त सामान ले जाने पर एयरलाइनों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को घटाने जैसे कुछ कदमों का प्रस्ताव किया है. इस कदम से विमान यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
नागर विमानन मंत्रालय द्वारा नियमों में बदलाव के लिये आगे बढ़ाये गये प्रस्ताव के दायरे में भारतीय विमानन कंपनियों की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आएंगी. इन बदलावों का प्रस्ताव यात्रियों की ओर से मिलने वाली शिकायतों के बाद किया गया है. पिछले साल जहां 4,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुयीं वहीं 63,400 उड़ानों में देरी हुई. नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि यात्रियों से समस्याओें के सही समय के भीतर ना सुलझाए जाने की शिकायतें मिलने के बाद ये उपाय प्रस्तावित कियेगये हैं.
सरकार ने अंशधारकों को अपने सुझाव और टिप्पणियों के लिए दो सप्ताह का समय दिया है जिसके बाद इन नये नियमों को अंतिम रूप दिया जायेगा और क्रियान्वित किया जायेगा. नागर विमानन महानिदेशक एम सत्यवती ने कहा कि अतिरिक्त सामान या बैगेज शुल्क के नियम हालांकि 15 जून से क्रियान्वित किये जायेंगे. यात्रियों के अनुकूल कुछ उपायों का सुझाव देते हुए नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि एयरलाइंस को उड़ान रद्द होने की स्थिति में सभी लगायेगये सांविधिक कर को वापस करना होगा.
नागर विमानन महानिदेशालय :डीजीसीए: ने प्रस्ताव किया है, ‘‘किसी भी परिस्थिति में टिकट रद्द कराने का शुल्क ‘मूल किराये’ से अधिक नहीं होगा आर विमानन कंपनियां रिफंड की प्रोसेसिंग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकेंगी.
चेक्ड इन बैगेज के संबंध में एयरलाइंस सामानों के 15 किलोग्राम की सीमा से ज्यादा वजन होने पर 20 किलोग्राम तक के लिए प्रति किलोग्राम 100 रुपये का शुल्क लेंगी. इस समय 15 किलोग्राम की सीमा से अधिक सामान होने पर प्रति किलोग्राम के लिए 300 रुपये का शुल्क लिया जाता है. केवल एयर इंडिया 23 किलोग्राम तक नि:शुल्क सामान ले जाने की मंजूरी देती है.
सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया सहित सभी घरेलू एयरलाइंस ने सरकार के प्रस्तावित यात्री केंद्रित संशोधनों पर प्रतिक्रिया से इनकार किया. वहीं विमान यात्रियों के निकाय एपीएआइ ने इन कदमों का स्वागत करते हुए कहा कि ये बदलाव लगभग एक दशक बाद लाये जा रहे हैं और इससे विमान यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगीव अधिक से अधिक लोग विमान यात्रा के लिए प्रोत्साहित होंगे.
विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने हालांकि इन प्रस्तावित बदलावों की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे विमानन क्षेत्र का वृद्धि का इंजन पलट जायेगा. बजट सत्र के दौरान संसद में पेश कियेगये आंकड़े के अनुसार इस साल जनवरी-मार्च के दौरान दस भारतीय एयरलाइनों ने कुल 18,512 उड़ानों में देरी की. सत्यवती ने दावा किया कि इन प्रस्तावों पर एयरलाइंस के साथ विचार किया गया है और वे इससे सहमत हैं.
हमें एयरलाइंस से किसी तरह के विरोध की संभावना नहीं दिखती. एयर पैसेंजर एसोसिएशन आॅफ इंडिया :एपीएआइ: के अध्यक्ष डी सुधारक रेड्डी ने कहा कि हमें इस बात की बेहद खुशी है कि ऐसे बदलावों का प्रस्ताव किया गया है जिससे यात्रियों को काफी फायदा होगा. इससे अधिक से अधिक यात्री विमान यात्रा के लिए उत्साहित होंगे और इससे घरेलू विमानन क्षेत्र को रफ्तार मिलेगी.
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