नरेंद्र मोदी सरकार की न्यू सिविल एविएशन पॉलिसी का क्या है ‘बिग प्लॉन”?
इंटरनेट डेस्क नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यू सिविल एविएशन पॉलिसी को आज मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में न्यू सिविल एविएशन पॉलिसी को मंजूरी दी गयी. एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू व मंत्रालय के सेक्रेटरी ने मीडिया को इसके बारे में […]
इंटरनेट डेस्क
नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यू सिविल एविएशन पॉलिसी को आज मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में न्यू सिविल एविएशन पॉलिसी को मंजूरी दी गयी. एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू व मंत्रालय के सेक्रेटरी ने मीडिया को इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी है और सरकार का बिग प्लान समझाने की कोशिश की है. राजू ने बताया कि पॉलिसी के मसौदे को मंत्रालय की वेबसाइट पर लोगों के सुझाव के लिए रखे गये थे और सैकड़ों सुझाव आये. संचार मंत्री ने इस फैसला को एेतिहासिक बताया है और कहा है कि इसके जरिए सिविल एविएशन सेक्टर में क्रांति आयेगी. सरकार ने विमानन सेक्टर में प्रवेश के लिए पांच साल का अनुभव व 20 विमान आवश्यक जैसी शर्तों को खत्म किया है और विमानन कंपनियों सहित आम आदमी के लिए कई राहत भरे फैसले लिये हैं. सरकार के इस फैसले का जहां आम आदमी ने स्वागत किया है, वहीं विमानन कंपनियों के शेयर की बढ़ी कीमतें भी यह बताती हैं कि इस पॉलिसी के कार्यरूप लेने पर उनके अच्छे दिन अब आने वाले हैं.
मोदी सरकार नयी सिविल एविएशन पॉलिसी के जरियेअंगरेजशासनकेदौरान दूसरे विश्व युद्ध के समय बनाये गये हवाई अड्डों का उपयोग करेगी. देश में ऐसे 350 हवाई अड्डे हैं, जिनका मौजूदा समय में बहुत सक्रिय उपयोग नहीं हो रहा है. इनका उपयोग कर नरेंद्र मोदी सरकार हवाई उड़ान की संख्या में गुणात्मक वृद्धि करना चाहती है. विमानन सचिव के अनुसार, वर्तमान में हर साल आठ करोड़ यात्री घरेलू उड़ान भरते हैं, जबकि देश में 35 करोड़ मध्यवर्गीय लोग हैं. यानी औसतन एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति साढ़े चार-पांच साल में एक बार विमान यात्रा करता है. मोदी सरकार ने इसके कारणों की पड़ताल की तो इसके पीछे कई अहम कारण रेखांकित किये गये. जैसे : व्यक्ति के कार्यस्थल से एयरपोर्ट का दूर होना, जिस राज्य में वह रहता हो वहां बेहतर विमानन सेवा नहीं होना, रिजनल एरिया में विमान परिचालन महंगा होना आदि-आदि.
ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार ने घरेलू व मीडिल क्लास एयर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए द्विस्तरीय रणनीति तैयार की है. एक : अनुपयोगी पड़े एयरपोर्ट काे उपयोग लायक बनाना, दूसरा विमानन कंपनी को विभिन्न स्तर के टैक्स व शुल्क में छूट देना. अनुपयोगी एयरपोर्ट का उपयोग करने से सरकार को जहां पहले से बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मिल जायेगा, वहीं उसे भूमि अधिग्रहण के झंझट का भी सामना नहीं करना पड़ेगा. जबकि, घरेलू व रिजनल एयरट्रैफिक के लिए छूट दिये जाने से विमानन कंपनियों की यात्रा काफी कम हो जायेगी.सरकारनेरिजनलएयरट्रैफिक बढ़ानेके लिए जहां आम आदमी को लुभाने प्रति एकघंटे की यात्रा के लिए2500रुपये काएयरफेयर तय किया है, वहीं विमानन कंपनियों का कॉस्ट कम करने के लिएनो लैंडिंग,नो पार्किंग, नो एविएशन चार्जऔर न हीकिसीअन्य प्रकार का अतिरिक्त चार्ज वसूलने कानिर्णय लिया है.सरकारसर्विस टैक्स,ईंधन के लिए वैटमेंबड़ीराहतभी देगी. इसकेसाथ ही विमानन कंपनियों संबंधित राज्य सरकारों के द्वारा फॉयर व पुलिससर्विस मुफ्तउपलब्ध कराया जायेगा. इससेराज्य सरकारों को अपने यहां पर्यटन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. उनकी इकोनॉमी भी बढ़ेगी.
सरकाररिजनलएयरट्रैफिकबढ़ानेके लिए रिजनलकनेक्टिविटी फंड बनायेगी. इसके अलावापूर्वोत्तर व द्वीपसमूहों मेंविमाननयात्रा बढ़ाने के लिए भी बड़ेवसहज फैसले लेगी.सरकार अपनीनयीविमानन नीति को कार्यरूपदेनेके लिए राज्य सरकारों से बड़ी भागीदारी करेगी.
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