सरकार की निगाह बफर स्टॉक पर, आयात के जरिये दाल की कीमतों पर नियंत्रण की तैयारी

नयी दिल्ली : दलहन कीमतों के 170 रुपये किलो की उंचाई को छू जाने के साथ सरकार ने आज शीर्ष स्तर पर बैठक की और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए म्यांमा और दक्षिण अफ्रीका से दलहन का आयात करने तथा बफर स्टॉक की मात्रा को बढाने का फैसला किया है. कीमतों में वृद्धि को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2016 9:41 PM

नयी दिल्ली : दलहन कीमतों के 170 रुपये किलो की उंचाई को छू जाने के साथ सरकार ने आज शीर्ष स्तर पर बैठक की और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए म्यांमा और दक्षिण अफ्रीका से दलहन का आयात करने तथा बफर स्टॉक की मात्रा को बढाने का फैसला किया है. कीमतों में वृद्धि को लेकर सरकार पर हमलों के बीच खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने इसके लिए राज्यों जिम्मेदारी पर कहा कि आवश्यक जिंसों की कीमत को नियंत्रित रखने की राज्यों की बराबर की जिम्मेदारी है.

एक उच्चस्तरीय बैठक में वित्तमंत्री अरण जेटली ने कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू के साथ मूल्य नियंत्रण करने के रास्तों के बारे में विचार विमर्श किया. सरकार दलहन की कीमतों के 170 रुपये किलो और टमाटर की कीमत 100 रुपये होने को लेकर चिंतित है.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में कीमतों में तेजी के कारणों और उसे नियंत्रित करने के संभावित विकल्पों के बारे में विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा मांग की तुलना में आपूर्ति करीब 70 लाख टन कम है. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि जब भी राज्यों की ओर से मांग पैदा हो बफर स्टॉक से अधिक दलहन को निकाला जाये और इसके साथ कीमत को नियंत्रित करने के लिए म्यांमा और अफ्रीका से इसका आयात किया जाये.
पासवान ने कहा, बैठक में दलहन मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। हमारे विभाग को कहा गया कि वह बफर स्टॉक के लिए अधिक दलहन की खरीद करे. उन्होंने कहा कि बफर स्टॉक बनाने के लिए इस साल का 1.5 लाख टन का लक्ष्य किया गया और अभी तक खरीफ और रबी सत्र के दौरान 1.15 लाख टन दलहन की खरीद की गई है जबकि रबी की खरीद का काम अभी जारी है.
उन्होंने कहा कि घरेलू आपूर्ति को बढाने के लिए वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि कमी को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी रास्तों से आयात की व्यवस्था को और सुदृढ बनाया जाये. सरकार ने म्यांमा और अफ्रीका जैसे दलहन उत्पादक देशों के लिए एक दल को तत्काल भेजने का फैसला किया है ताकि सरकार के स्तर पर आयात के विकल्प की संभावना को तलाशा जा सके.
बैठक में बेहतर खरीद करने के रास्तों और बुवाई के रकबे को बढाने, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा निजी व्यापारियों के कामकाज की पारदर्शिता में सुधार लाने के बारे में भी चर्चा की गई. इस बैठक में आर्थिक मामलात विभाग और राजस्व विभाग के सचिवों के साथ साथ मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भी भाग लिया। बैठक को सूचित किया गया कि केंद्रीय भंडार, सफल बिक्री केंद्र और अन्य सरकारी एजेंसियां तुअर और उडद दाल की बिक्री अपने बिक्री केंद्रों से 120 रुपये किलो की दर से कर रही हैं. सरकार ने स्थितियों से निपटने के लिए पहले ही बफर स्टॉक से बाजार में 10,000 टन दलहन को जारी कर रखा है.
सरकार की अपने नवसृजित बफर स्टॉक से और आयात के जरिये आपूर्ति बढाने की दोहरी नीति है. भारत ने पहले ही सरकार के स्तर पर म्यांमा से तुअर दाल का आयात करने के लिए मसौदा समझौते को जमा कराया है. कई अफ्रीकी देशों ने भी भारत को दलहन की आपूर्ति करने की रचि प्रकट की है.

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