13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रोजगार सृजन के लिए मोदी सरकार इन उपायों पर कर रही है विचार

नयी दिल्ली : सरकार ने आज डिफेंस व एविएशन सेक्टर में एफडीआई की सीमा सौ प्रतिशत बढ़ाने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अधारभूत संरचनाओं में सुधार होगा व नौकरियां बढ़ेंगी. गौरतलब है 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान वायदे के मुताबिक नौकरियों की संख्या में […]

नयी दिल्ली : सरकार ने आज डिफेंस व एविएशन सेक्टर में एफडीआई की सीमा सौ प्रतिशत बढ़ाने का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अधारभूत संरचनाओं में सुधार होगा व नौकरियां बढ़ेंगी. गौरतलब है 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान वायदे के मुताबिक नौकरियों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पायी है. मोदी सरकार रोजगार पैदा करने के लिए कई उपायों पर विचार कर रही है.

शनिवार को कई विशेषज्ञों से मुलाकात के बाद सरकार रोजगार सृजन के लिए नयी रणनीति के तहत काम करेगी. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिये लेकिन अब भी युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रही है. हर महीने 10 लाख यूथ वर्कफोर्स से जुड़ते हैं. लिहाजा सरकार के सामने यह बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आ रही है.
प्रधानमंत्री के साथ विशेषज्ञों की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि निर्यात अधारित बंदरगाहों के नजदीक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खोलकर नौकरियों की बाढ़ लायी जा सकती है. इस खास रणनीति के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि पड़ोसी देश चीन में अब मजदूरी महंगी होता जा रहा है. इस लिहाज से भारत सस्ते प्रोडक्ट का हब बन सकता है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने प्रधानमंत्री को दिये प्रजेंटेशन में यह बताया कि किस तरह से चीन , जापान, दक्षिण कोरिया ने अपने समुद्रतटों का इस्तेमाल किया . इस नयी योजना के तहत सागरमाला प्रोजेक्ट के साथ-साथ विनिर्माण जोन भी बनायें जायेंगे. इन विनिर्माण जोन में इलेक्ट्रॉनिक्स , फुटवियर , एपेरल निर्माण जोन बनाये जायेंगे.
समुद्रतटीय इलाके में विनिर्माण क्षेत्र के क्या हैं फायदे
देश के बंदरगाहों के पास मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खोलने से निर्यात संबंधी परेशानी काफी हद तक दूर हो जायेगी. इन इलाकों में समुद्रतट होने से आसानी से दूसरे देशों तक प्रोडक्ट भेजे जा सकते है. इसके साथ ही समुद्रतटों के किनारे यूनिट बनाने से जमीन अधिग्रहण जैसे पैचीदा मामले भी काफी हद तक सुलझाये जा सकते हैं.
चीन में बढ़ रहा है लागत मूल्य
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में चीन की विशेषज्ञता किसी से छिपी नहीं है. यहां पर बने सस्ते प्रोड्क्ट दुनिया भर में बेचे जाते हैं. अपने सस्ते श्रम के बदौलत यह अभी तक विनिर्माण में दूसरे देशों से आगे है, लेकिन मजदूरों की आय बढ़ने के बाद वहां सस्ते श्रमिक मिलना मुश्किल हो गया है. लिहाजा, भारत के लिए बढ़िया अवसर पैदा हुआ है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें