VVIP हेलीकाप्टर सौदा : ईडी ने कई शहरों में छापे मारे, 86 करोड के शेयर जब्त
नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा मामले में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में ताजा कार्रवाई करते हुए 86 करोड रुपये मूल्य के शेयर आज जब्त किये. जांच एजेंसी का आरोप है कि ये शेयर इटली से हेलीकाप्टरों की खरीद में दो बिचौलियों से मिली रिश्वत की राशि से खरीदे गये […]
नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा मामले में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में ताजा कार्रवाई करते हुए 86 करोड रुपये मूल्य के शेयर आज जब्त किये. जांच एजेंसी का आरोप है कि ये शेयर इटली से हेलीकाप्टरों की खरीद में दो बिचौलियों से मिली रिश्वत की राशि से खरीदे गये थे. ईडी ने दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में कम-से-कम 10 परिसरों की पिछले हफ्ते तलाशी के बाद शेयर जब्त करने के निर्णय किये. प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि मामले की जांच के दौरान पता चला है कि 2.8 करोड यूरो (करीब 214 करोड रुपये) गुइडो हाश्के तथा कार्लो गेरोसा को ट्यूनीशिया स्थित कंपनी के जरिये दिये गये. दोनों 3,600 करोड रुपये के सौदे में कथित तौर पर बिचौलिये थे.
बाद में 1.24 करोड यूरो (95 करोड रुपये) तीन भारतीय कंपनियों को दिये जाने से पहले मारीशस, दुबई, सिंगापुर स्थित कंपनियों को दिये गये.
भारतीय कंपनियों ने इस कोष से शेयरों की खरीद की. अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने तलाशी के बाद कई दस्तावेज तथा कंप्यूटर हार्डवेयर जब्त किये. शेयरों को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत जब्त किया गया है. ईडी ने अपनी जांच के सिलसिले में हाल ही में ब्रिटिश नागरिक तथा सौदे में कथित बिचौलिया क्रिश्चियन माइकल जेम्स के मामले में ताजा आरोपपत्र दर्ज किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने 2014 में इस संदर्भ में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था और उसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एपी त्यागी समेत 21 लोगों को नामजद किया गया है.
जांच एजेंसी ने जांच के सिलसिले में दिल्ली के एक कारोबारी गौतम खेतान को भी गिरफ्तार किया था जो फिलहाल जमानत पर छूटे हुए हैं. ईडी तथा सीबीआई ने मामले में और साक्ष्य जुटाने के लिये कई देशों को न्यायिक अनुरोध पत्र भेजे हैं. सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए कुल 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीदने के सौदे में कथित दलाली और अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने की बात आने पर कंपनी के साथ अनुबंध 1 जनवरी 2014 को खत्म कर दिया था. आरोप है कि इस सौदे को हासिल करने के लिए 423 करोड रुपये की दलाली दी गयी थी.
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