नयीदिल्ली : चालाकी दिखातेहुए कर अदायगी से बचने वालों की बढती तादाद के मद्देनजर आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे आरोपियों को हिरासत में लेने, उनकी जब्त संपत्तियों की नीलामी के प्रावधान का उपयोग करने में हिचकिचाहट नहीं दिखायें. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए एक रणनीति पत्र में कर विभाग को एक ऐसे प्रावधान का उपयोग करने का निर्देश दिया जिसका उपयोग अब तक शायद ही किया जाता रहा है. आयकर अधिनियम की धारा 276 सी (दो) के तहत तीन महीने से लेकर तीन साल तक की कैद हो सकती है और साथ में जुर्माना भी लग सकता है.
आयकर विभाग ने बमुश्किल इस्तेमाल होने वाली इन शक्तियों को इस्तेमाल में लाने के लिए कर वसूली अधिकारी (टीआरओ) को प्राधिकृत किया है. विभाग ने रणनीति पत्र में कहा, ‘‘ज्यादा कर्मचारी और बेहतर बुनियादी ढांचा मुहैया कराकर टीआरओ व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है. टीआरओ को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत होगी. टीआरओ को दूसरी अनुसूची के 73-81 नियमों के प्रावधान के मुताबिक अनुपालन नहीं करने वालों की गिरफ्तारी के प्रावधान को अमल में लाना चाहिए.’ इसमें कहा गया, ‘‘उचित मामले में अधिनियम की धारा 276सी(2:)के तहत निर्दिष्ट प्रावधान के उपयोग समेत पहल की जा सकती हैं.’ रणनीति पत्र आयकर अधिकारियों के लिए उक्त वित्त वर्ष के मामले में (2016-17) दिशानिर्देश के तौर पर काम करता है.
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