सरकार ने स्टार्ट अप के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी

नयी दिल्ली: सरकार ने आज स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दे दी. इस कोष का इस्तेमाल स्टार्ट अप की मदद के लिए किया जाएगा. इसका मकसद 18 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कोष के पूर्ण इस्तेमाल के जरिये करीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2016 7:38 PM

नयी दिल्ली: सरकार ने आज स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दे दी. इस कोष का इस्तेमाल स्टार्ट अप की मदद के लिए किया जाएगा. इसका मकसद 18 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कोष के पूर्ण इस्तेमाल के जरिये करीब 18 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा.

एक 10,000 करोड़ रुपये के कोष से 60,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश तथा इससे दोगुना ऋण निवेश हासिल किया जा सकेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रिमंडल ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) में स्टार्टअप के लिए कोषों के कोष की स्थापना को मंजूरी दे दी है. यह विभिन्न वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) में योगदान करेगा, जो सेबी के पास पंजीकृत हैं. बाद में एआईएफ स्टार्टअप का वित्तपोषण करेंगे.
यह सरकार द्वारा जनवरी में घोषित स्टार्टअप इंडिया कार्रवाई योजना के अनुरुप है. यह कोष 14 और 15वें वित्त आयोग के चक्र के उपर बनाया जाएगा, जो योजना की प्रगति तथा कोष की उपलब्धता पर निर्भर करेगा. 2015-16 में एफएफएस के कोष के लिए पहले ही 500 करोड रुपये उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जबकि 600 करोड़ रुपये 2016-17 में उपलब्ध कराए जाएंगे. बयान में कहा गया है कि औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी: द्वारा सकल बजटीय समर्थन के जरिये अनुदान सहायता का भी प्रावधान किया है. डीआईपीपी स्टार्ट अप इंडिया कार्रवाई योजना के तहत प्रदर्शन की निगरानी और समीक्षा करेगा.
इसमें आगे कहा गया है कि रोजाना के परिचालन के प्रबंधन के लिए सिडबी की विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रदर्शन की निगरानी और क्रियान्वयन को कार्रवाई योजना से संबद्ध किया जाएगा, जिससे क्रियान्वयन समय के हिसाब से हो सके। यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि स्टार्टअप्स को घरेलू जोखिम वाली पूंजी की उपलब्धता न होने तथा परंपरागत बैंक वित्त पाने में अड़चनों का सामना करना पड रहा है. बडी संख्या में सफल स्टार्टअप्स का वित्तपोषण विदेशी उद्यम कोषों द्वारा किया गया है. इस तरह का वित्तपोषण पाने के लिए कई स्टार्ट अप देश के बाहर स्थित हैं.

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