तय कार्यक्रम के अनुरूप होगी भारत-चीन के वित्त मंत्रियों की वार्ता : भारतीय वित्त मंत्रालय
नयी दिल्ली : भारत-चीन के बीच होने वाली आर्थिक मामलों की द्विपक्षीय वार्ता तय समय पर होगी.भारतके वित्तमंत्रीअरुण जेटली औरचीनके वित्तमंत्री लू जिवेईके27जूनकोहोने वालीबैठक अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमके अनुसार ही होगी. वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में मीडिया के एक वर्ग द्वारा दी गयी उन खबरों को खारिज किया है कि यह वार्ता रद्द कर […]
नयी दिल्ली : भारत-चीन के बीच होने वाली आर्थिक मामलों की द्विपक्षीय वार्ता तय समय पर होगी.भारतके वित्तमंत्रीअरुण जेटली औरचीनके वित्तमंत्री लू जिवेईके27जूनकोहोने वालीबैठक अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमके अनुसार ही होगी. वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में मीडिया के एक वर्ग द्वारा दी गयी उन खबरों को खारिज किया है कि यह वार्ता रद्द कर दी गयी है.गुरुवारसुबह यह खबरआयी थी कि भारत-चीनके बीचयहवार्ता टूट गयी है और इसके पीछे का फौरी कारण आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास की अनुपलब्धता को बताया गया था, लेकिन उन खबरों में इसके पीछे मूल कारण चीन द्वारा भारत के एनएसजी में प्रवेश की राह मेें रोड़ा को अटकाना माना जा रहा था.
News reports in certain section of media that FM's bilateral Meeting with his Chinese counterpart is cancelled, is incorrect.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 23, 2016
भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सिर्फ सचिव स्तर की वार्ता ब्रेक्जिट से जुड़े कारणों से रद्द की गयी है. भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली आज ही चीन के पांच दिवसीय दौरे परजानेवाले हैं और वे वहां एक खरब अमरीकी डॉलर के एशियाई ढांचागत निवेश बैंक – एआइआइबी के संचालक मंडल की पहली बैठक में हिस्सा लेंगे. तय कार्यक्रम के अनुसार, शनिवार व रविवार को यह बैठक पेइचिंग में होनी है. वित्तमंत्री जेटलीवहां चीन के वित्तमंत्री लू जिवेई से वार्ता करेंगे.
FM@arunjaitley's meeting with his Chinese counterpart Mr Lou Jiwei stands as per schedule on 27th June,2016.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 23, 2016
जेटलीयहां आठवीं वित्तीय वार्ता समेत विभिन्न समारोहों में हिस्सा लेने वाले हैं. इस दौरे में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. दोनों देशों के बीच अबतक सात दौर की वित्तीय वार्ताएं हुई हैं लेकिन इन सब में प्रमुख भूमिका में दोनों पक्षों के वित्तीय सचिव थे. यह पहला मौका है जबकि इसे दोनों देशों के वित्त मंत्रियों के स्तर की वार्ता बनाना तयहुआ है. सातवें दौर की वार्ता नयी दिल्ली में 2014 में हुई थी.
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