इंटरनेट डेस्क
यूरोपियन संघ से ब्रिटेन के बाहर होने से भारतीय बाजारों में हलचल दिख रहा है. भारत के शेयर बाजार में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गयी है. हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन ने भरोसा जताया है कि भारत इसके झटके से उबरने में सक्षम है. आइये जानतेहैंBREXIT से भारत के परेशान होनेकि क्या हैं आठ वजहें :
1. ब्रेक्सिट का सबसे ज्यादा असर टाटा मोटर्स, टाटा स्टील व आईटी कंपनियों पर पड़ेगा. ब्रिटेन में भारत की जिन कंपनियों का सबसे ज्यादा निवेश है उनमें टाटा शामिल है. टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाले जगुआर लैंड-रोवर्स व टाटा स्टील का ब्रिटेन के बाजार में मजबूत हिस्सेदारी है.
2.ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने पर पाउंड में भारी उतार-चढ़ाव होगा जिससे भारतीय रुपये के कमजोर होने की आशंका बढ़ जायेगी. पाउंड के गिरावट होने से आईटी कंपनियोंकी आय प्रभावित होगी.
3. मारीशॉस और सिंगापुर के बाद ब्रिटेन भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है. ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है तो निवेश में भी कमी आ सकती है.
4 . ब्रिटेन के अलग होने के बाद तेल की कीमतों पर दवाब आने की संभावना है पहले से ही तेल के कीमतों में गिरावट से दुनिया में एक वैश्विक मंदी का माहौल बन गया है. इससे भारत के निर्यात में लगातार गिरावट हो रही है.
5. ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन में बने रहने से भारतीय कंपनियां सिर्फ ब्रिटेन के साथ करार कर लेती थी तो व्यापार आसान हो जाता था. अब इऩ कंपनियों को अन्य देशों से अलग-अलग करार करना पड़ सकता है.
6.पाउंड के कमजोर होने से डॉलर मजबूत होगा. ऐसी परिस्थिति में रुपया का डॉलर के मुकाबले कमजोर होने की आशंका बढ़ जायेगी.
7.ब्रेक्सिटकी खबर आते ही भारत के शेयर बाजार में हजार अंकों की गिरावट दर्ज की गयी. शेयर बाजार में दवाब बढ़ सकता है.
8. विश्लेषकों की मानें तोअल्प अवधि के लिएभारतीय बाजार पर असर पड़ सकते हैं लेकिन दीर्घ अवधि में भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.
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