मुंबई: पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाली वैश्विक महामारी कोविड-19 (Covid19 Pandemic) के कारण लोगों के कामकाजी जीवन में भी अभूतपूर्व परिवर्तन आये. अब लोग दफ्तर नहीं लौटना चाहते. अधिकतर लोग चाहते हैं कि वह घर से ही काम (Work From Home) करें. हालिया रिसर्च में यह बात सामने आयी है. रिसर्च में कहा गया है कि लोग लोग दफ्तर जाने की बजाय घर पर रहकर ही काम करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
रोजगार संबंधी वेबसाइट साइकी के ‘टेक टैलेंट आउटलुक’ रिपोर्ट (Tech Talent Outlook Report) में कहा गया है कि जब कोरोना (Coronavirus) ने दस्तक दी और पूरी दुनिया में लॉकडाउन (Lockdown) लगने लगे, तो कर्मचारियों को जबरन घर से काम करने के लिए मजबूर किया गया. लोग घर से काम करने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे, लेकिन अब जबकि कोरोना के दो साल बीत चुके हैं, लोग अपने घर से काम करना चाहते हैं.
‘वर्क फ्रॉम होम’ (Work From Home) अब उनकी आदत हो चुकी है. ‘वर्क फ्रॉम होम’ अब ‘नया चलन’ (Work From Home is New Trend) बन गया है. लोगों की जिंदगी में नयी आदतों ने अपनी जगह बना ली है. ‘टेक टैलेंट आउटलुक’ रिपोर्ट में जितने लोगों ने अपनी राय दी, उनमें से 82 फीसदी ने कहा कि वे अब दफ्तर जाकर काम (Work From Office) नहीं करना चाहते. अब घर से ही काम करना चाहते हैं.
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सोशल मीडिया, साक्षात्कार और पैनल चर्चा के जरिये किये गये टेक टैलेंट आउटलुक 2022 (Tech Talent Outlook 2022) में चार महाद्वीपों में 100 से अधिक कार्यकारी अधिकारियों (CEO) एवं मानव संसाधन (HR) अधिकारियों से मिली प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया गया. अध्ययन में शामिल 64 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि घर से काम करने पर उनकी उत्पादन क्षमता अधिक रहती है और तनाव भी कम रहता है.
दूसरी तरफ, 80 फीसदी से अधिक मानव संसाधन प्रबंधकों ने कहा कि पूर्णकालिक रूप से दफ्तर जाकर काम करने वाले कर्मचारी खोजना अब उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है. 67 फीसदी से अधिक कंपनियों के अधिकारियों ने बताया कि दफ्तर जाकर काम करने वाले लोग खोजना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है.
बदले हुए माहौल में घर से काम करना अब विकल्प न रहकर नया चलन बन गया है. प्रौद्योगिकी यानी आईटी सेक्टर में काम करने वाले लोग अपने नियोक्ता से इसकी उम्मीद भी रखते हैं. जो नियोक्ता इस व्यवस्था को अपनाने को तैयार नहीं हैं, उन्हें अच्छी प्रतिभाओं को साथ जोड़ने और पहले से काम कर रहे लोगों को अपने साथ बनाये रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
साइकी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी करुणजीत कुमार धीर ने कहा, ‘दूरस्थ काम की दुनिया में स्वागत है.’ इस रिसर्च में यह भी कहा गया है कि दूरस्थ काम (डिस्टैंस वर्क) करते हुए दो साल बीत जाने पर एक नये तरह का लचीलापन मिला है, जो कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों के ही लिए लाभदायक है.
Posted By: Mithilesh Jha
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